नयी दिल्ली/देहरादून : देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) अपने 93 साल के इतिहास में पहली बार महिला अफसर कैडेटों के बैच को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल करने जा रही है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद किये जा रहे इस अहम बदलाव के तहत आईएमए जुलाई, 2025 में महिला अफसर कैडेटों का पहला बैच शामिल करेगी। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) खडकवासला के दरवाजे महिलाओं के लिए खोलने के आदेश दिये थे। एनडीए में महिलाओं को तीन साल पहले ही प्रवेश मिलना शुरू हुआ है। अब एनडीए से पास होने के बाद महिला कैडेट आईएमए में आगे का प्रशिक्षण लेने के लिए आयेंगी।
आईएमए में अभी तक नहीं दिया जाता था महिलाओं को प्रशिक्षण
गौरतलब है कि आईएमए देश की एकमात्र ऐसी सैन्य अकादमी है, जहां अभी तक महिलाओं को प्रशिक्षण नहीं दिया जाता था। एनडीए में अभी 126 महिला कैडेट ट्रेनिंग ले रही हैं। इनमें से 18 कैडेट अपने अंतिम वर्ष में हैं। इन 18 में से 8 ने सेना में जाने का विकल्प चुना है। ये 8 महिला कैडेट आईएमए में एक साल का प्रशिक्षण लेंगी। इसके बाद वे अगले साल अफसर बन जायेंगी। एनडीए से महिला कैडेट का पहला बैच मई में पास होगा। वे अगस्त, 2022 में एनडीए शामिल की गयी थीं।
एसएससी में शामिल किये जाने के तीन दशक बाद आया आदेश
एक अधिकारी ने बताया कि अगस्त, 2021 में शीर्ष न्यायालय ने सरकार को महिलाओं को एनडीए प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का निर्देश दिया था। इसके बाद अगले साल पहला बैच भर्ती किया गया। यह आदेश महिलाओं को शॉर्ट-सर्विस कमीशन (एसएससी) अधिकारियों के रूप में तीन सेवाओं की कुछ शाखाओं में सेवा करने की अनुमति मिलने के लगभग तीन दशक बाद आया। इसके अलावा शीर्ष न्यायालय ने यह भी फैसला सुनाया था कि एसएससी के माध्यम से भारतीय सेना में शामिल होने वाली महिला अधिकारी स्थायी कमीशन और कमांड भूमिकाओं की हकदार हैं।