

सबिता, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चुंचुरा -मोगरा ब्लॉक कार्यालय में मतदाता सूचियों की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सुनवाई रोके जाने के एक दिन बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक असित मजूमदार ने पोल्बा ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) कार्यालय में भी कार्यवाही रोक दी। उन्होंने पार्टी बूथ-स्तरीय एजेंट को सुनवाई में शामिल करने की मांग की। मजूमदार ने कार्यवाही बाधित करते हुए यह लिखित आश्वासन मांगा कि बीएलए को बाहर नहीं रखा जाएगा। मजूमदार ने कहा, “अगर तृणमूल के बीएलए मौजूद नहीं होंगे, तो सुनवाई नहीं होने दी जाएगी।” कार्यक्रम स्थल पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया, “निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बीएलए को सुनवाई स्थल में प्रवेश करने से रोका जा रहा है।” टीएमसी विधायक ने हालांकि इस दावे को चुनौती दी और दस्तावेजी सबूत की मांग की। तृणमूल विधायक ने कहा, “लिखित आदेश दिखाइए।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निर्देशों की स्पष्टता के बिना सुनवाई जारी नहीं रह सकती। अधिकारी ने गतिरोध के बाद एसआईआर की सुनवाई रोके जाने की पुष्टि की। इस घटना के बाद नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। एक तरफ जहां विपक्षी दल सत्ताधारी दल पर प्रशासनिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं निर्वाचन अधिकारियों ने अब तक व्यवधान पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। मजूमदार ने सोमवार को तीन विधानसभा क्षेत्रों के लिए ब्लॉक कार्यालय में हो रही सुनवाई रोक दी थी और कहा था बीएलए को प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए।
मुख्य बातें
टीएमसी विधायक असित मजूमदार ने लिखित आदेश दिखाने की मांग की
चुनाव अधिकारियों ने निर्वाचन आयोग के निर्देशों का हवाला दिया
विपक्ष ने प्रशासनिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप का आरोप लगाया
विवाद गहराया : एसआईआर प्रक्रिया को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। विधायक मजूमदार ने मांग की कि पार्टी के बूथ-स्तरीय एजेंटों (बीएलए) को सुनवाई में शामिल होने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि जब तक बीएलए की मौजूदगी सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक सुनवाई आगे नहीं बढ़ने दी जाएगी। घटना के बाद नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। विपक्षी दलों ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर प्रशासनिक और चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है।