कोलकाता: उड़ानें लगातार रद्द हो रहीं इंडिगो एयरलाइंस की उड़ानों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर सीधे निशाना साधा। उत्तर बंगाल के दो-दिवसीय दौरे पर निकलने से पहले दमदम हवाईअड्डे पर उन्होंने पत्रकारो से कहा कि बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के अचानक नियम लागू करने का फैसला अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना है और इसका खामियाज़ा करोड़ों यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग जरूरी काम, व्यावसायिक बैठकों और पारिवारिक आयोजनों में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने उस दंपति का उल्लेख किया, जिन्हें उड़ान रद्द होने के कारण अपने ही रिसेप्शन में वीडियो कॉल के जरिये शामिल होना पड़ा। ममता ने टिप्पणी की, मैंने जीवन में ऐसी अराजकता नहीं देखी। उनके अनुसार, इंडिगो के पास उड़ानों के लिए पर्याप्त पायलट और स्टाफ नहीं थे, जिससे स्थिति और बिगड़ गयी।
ममता ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि देश के मुद्दों में उसकी कोई रुचि नहीं है। उसकी चिंता केवल चुनाव, ईवीएम और संस्थाओं पर नियंत्रण तक सीमित है। सामान्य जनता उसके एजेंडे में नहीं है। उन्होंने कहा कि हजारों यात्रियों को हवाईअड्डों पर घंटों फंसे रहना पड़ा, मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ा और इसका पूरा दायित्व केंद्र सरकार और विमानन नियामकों का है। उन्होंने मांग की कि प्रभावित यात्रियों को मुआवजा दिया जाए और आवश्यक हो तो वे अदालत का रुख करें।
भाजपा के कार्यक्रम में कैसे जा सकती हूँ?
रविवार को ब्रिगेड में आयोजित ‘गीता पाठ’ कार्यक्रम को लेकर भी ममता बनर्जी ने कहा, अगर वह कार्यक्रम मेरे लिए महत्वपूर्ण होता, तो मैं जरूर जाती, लेकिन मैं किसी भी राजनीतिक दल, खासकर भाजपा के कार्यक्रम में कैसे जा सकती हूँ? उन्होंने कहा, मेरी अपनी एक विचारधारा है। मैं सभी धर्मों और सभी समुदायों का सम्मान करती हूँ लेकिन वह कार्यक्रम भाजपा का था। वे महान व्यक्तित्वों को सम्मान नहीं देती। ऐसे में मैं वहाँ कैसे जा सकती हूँ? मेरे परिवार ने मुझे इस तरह की शिक्षा नहीं दी। 'वंदे मातरम्' को लेकर हालिया विवाद में भी उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्यसभा में ‘वंदे मातरम्’ के नारे नहीं लगाने को लेकर जो निर्देश जारी किया गया, उसकी मैं कड़ी निंदा करती हूँ। यह शर्मनाक है!