निधि, सन्मार्ग संवाददाता
नदिया: पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में एक अत्यंत गंभीर और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति पर अपनी पहली पत्नी का मतदाता पहचान पत्र (EPIC) नंबर चुराकर, एक कथित बांग्लादेशी नागरिक से दूसरी शादी करने और उस महिला को अवैध रूप से उस EPIC नंबर का उपयोग करने देने का आरोप लगा है। यह घटना हंसखाली स्थित गाजना ग्राम पंचायत के श्याम नगर माठपाड़ा इलाके की है।
पीड़ित पत्नी ऊषा राय ने अपने पूर्व पति अशोक राय के खिलाफ हंसखाली थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए राणाघाट के सब-डिवीजनल ऑफिसर (SDO) को भी लिखित शिकायत सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है। आरोपों की संवेदनशीलता को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने तत्काल मामले की जांच शुरू कर दी है।
ऊषा राय ने अपनी शिकायत में बताया है कि श्याम नगर निवासी अशोक राय से शादी के बाद, वह लगातार शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का शिकार होती रही हैं। जब अत्याचार की सीमा पार हो गई, तो वह अपने छोटे बेटे को लेकर कोलकाता के सोनारपुर इलाके में आ गईं और घरेलू सहायिका के रूप में काम करके अपना गुजारा करने लगीं।
ऊषा राय का आरोप है कि उनकी अनुपस्थिति का फायदा उठाते हुए, अशोक राय ने दूसरी शादी कर ली। उनका यह भी गंभीर दावा है कि अशोक राय की दूसरी पत्नी बांग्लादेशी नागरिक है, जिससे मामला और भी अधिक जटिल हो जाता है।
हाल ही में, जब राज्य में मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत एन्यूमरेशन फॉर्म भरने का काम चल रहा था, तब ऊषा राय अपने फॉर्म से संबंधित जानकारी लेने श्याम नगर आईं। यहीं उन्हें पता चला कि अशोक राय ने उनका एन्यूमरेशन फॉर्म पहले ही ले जाकर भरकर जमा कर दिया है।
ऊषा राय ने दावा किया कि वह 2002 से हंसखाली के श्याम नगर की मतदाता हैं और उनका नाम उस वर्ष की वोटर लिस्ट में भी दर्ज है। उनका सीधा आरोप है कि अशोक राय ने उनके वैध EPIC नंबर को चुरा लिया और उस कथित बांग्लादेशी महिला को सौंप दिया, जिसके साथ उसने दूसरी शादी की है, ताकि उसे वैध भारतीय नागरिक के रूप में मान्यता मिल सके। ऊषा राय ने यह भी दावा किया है कि एन्यूमरेशन फॉर्म में दी गई सारी व्यक्तिगत जानकारी मूल रूप से उनकी ही है, जिसे गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है।
इस पूरे घटनाक्रम से ऊषा राय अत्यधिक भयभीत हैं। यह मामला न केवल व्यक्तिगत धोखाधड़ी और प्रताड़ना का है, बल्कि चुनावी प्रक्रिया में गंभीर जालसाजी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रश्न भी खड़े करता है। प्रशासन मामले की गहराई से जांच कर रहा है ताकि पता चल सके कि अवैध तरीके से मतदाता पहचान पत्र का उपयोग करने में कौन-कौन शामिल थे।