खुले गैराज में बिखरी मिलीं सैकड़ों उत्तर पुस्तिकाएं !

कल्याणी विश्वविद्यालय के परीक्षक पर उठे सवाल !
Hundreds of answer sheets found scattered in an open garage!
ऐसी अवस्था में पड़ी थीं उत्तर पुस्तिकाएं REP
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सन्मार्ग संवाददाता

नदिया: नदिया जिले के कल्याणी में एक चौंकाने वाली और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली घटना सामने आई है, जहां कल्याणी विश्वविद्यालय (Kalyani University) और हरिचांद-गुरुचांद विश्वविद्यालय (Harichand-Guruchand University) की सैकड़ों मूल्यवान उत्तर पुस्तिकाएं एक बहुमंजिला आवासीय परिसर के खुले और असुरक्षित गैराज में यत्र-तत्र बिखरी पड़ी मिलीं। यह मामला छात्रों के भविष्य और परीक्षा प्रणाली की गोपनीयता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।

असुरक्षित स्थान पर मिलीं 2023 के दूसरे सेमेस्टर की कॉपियां

यह घटना कल्याणी के 'बी' ब्लॉक स्थित एक बहुमंजिला इमारत की है। यहां के खुले गैराज में 2023 में आयोजित बांग्ला विभाग के दूसरे सेमेस्टर की उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल पड़े हुए पाए गए। यह देखते ही इलाके में हड़कंप मच गया। परीक्षा कॉपियों जैसे अति संवेदनशील शैक्षणिक दस्तावेज़ों का इस तरह खुले और असुरक्षित स्थान पर मिलना, छात्रों के परिणामों की सत्यता और विश्वसनीयता पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है।

प्रोफेसर ननीगोपाल मालो पर उठा लापरवाही का आरोप

जांच में यह खुलासा हुआ कि इन उत्तर पुस्तिकाओं को मुर्शिदाबाद के हाजी ए के खान कॉलेज में बांग्ला विषय के प्रोफेसर ननीगोपाल मालो ने रखा था, जो उसी आवासीय इमारत में रहते हैं। प्रोफेसर पर आरोप है कि उन्होंने परीक्षक के रूप में मिली इन कॉपियों को विश्वविद्यालय में जमा करने के बजाय, लापरवाही से अपने आवास के पीछे स्थित खुले गैराज में छोड़ दिया।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने जताई कड़ी आपत्ति

इस गंभीर लापरवाही पर कल्याणी विश्वविद्यालय के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, प्रोफेसर बिमलेंदु बिश्वास ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि नियमानुसार, मूल्यांकन के बाद उत्तर पुस्तिकाओं को तुरंत विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में जमा किया जाना अनिवार्य होता है। प्रोफेसर बिश्वास ने सवाल उठाया:

  1. प्रोफेसर ने साल 2023 की उत्तर पुस्तिकाएं इतने लंबे समय यानी लगभग एक साल तक अपने पास क्यों रखीं?

  2. इतने संवेदनशील दस्तावेज़ों को इस तरह खुले और जोखिम भरे स्थान पर क्यों फेंका गया? प्रोफेसर बिश्वास ने घोषणा की कि इस गंभीर लापरवाही के लिए मामले की गहन जांच की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रोफेसर ननीगोपाल मालो को स्पष्टीकरण के लिए विश्वविद्यालय में बुलाया जाएगा और उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, प्राथमिकता के आधार पर सभी उत्तर पुस्तिकाओं को जल्द से जल्द विश्वविद्यालय के कब्जे में लिया जाएगा।

मीडिया में आने के बाद प्रोफेसर ने मानी गलती

यह मामला जैसे ही मीडिया के संज्ञान में आया और खबरों में आया, प्रोफेसर ननीगोपाल मालो तुरंत हरकत में आए। उन्होंने बिना देर किए सभी उत्तर पुस्तिकाओं को खुले गैराज से हटाया और उन्हें कल्याणी विश्वविद्यालय के संबंधित विभाग में जमा कर दिया। इस दौरान, उन्होंने मीडिया के कैमरों के सामने अपनी गंभीर गलती स्वीकार की। प्रोफेसर मालो ने स्वीकार किया कि उनका यह कृत्य घोर लापरवाही भरा था और उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। हालांकि, प्रोफेसर की गलती स्वीकार करने के बावजूद, विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले की जांच जारी रखने की बात कही है, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोहराई न जा सके और छात्रों की गोपनीय जानकारी सुरक्षित रहे।

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