POCSO मामले में ऐतिहासिक फैसला

5 साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न दोषी पड़ोसी को 20 साल की कठोर कारावास की सजा
Historic verdict in POCSO case
सांकेतिक फोटो REP
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

बारासात, उत्तर 24 परगना: बारसात पुलिस जिले के तहत आने वाले दत्तपुकुर थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाले मामले में, अदालत ने एक 5 साल की नाबालिग बच्ची का यौन उत्पीड़न करने वाले दोषी पड़ोसी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। बारासात कोर्ट द्वारा दिया गया यह फैसला यौन अपराधों के प्रति न्यायिक सख्ती को दर्शाता है, जिससे ऐसे अपराधों को अंजाम देने वालों के लिए एक कड़ा संदेश गया है।

यह जघन्य घटना 26 अगस्त, 2021 को हुई थी। दोपहर का समय था, जब मासूम बच्ची खेलने के लिए अपने घर से बाहर निकली थी। इसी दौरान, पड़ोसी मिलन ओझा ने उसकी मासूमियत और अकेलेपन का फायदा उठाया और बच्ची के साथ यह घिनौना यौन उत्पीड़न का कृत्य किया।

घटना के सामने आते ही, अगले ही दिन, नाबालिग बच्ची के पिता उत्तम साहा ने दत्तपुकुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और गहन जांच:

मामले के पहले जांच अधिकारी (IO), सब-इंस्पेक्टर वरुण कुमार घोष, ने अत्यधिक तत्परता दिखाते हुए फौरन आरोपी मिलन ओझा को गिरफ्तार किया। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई से आरोपी को भागने का मौका नहीं मिल सका। इसके बाद, इस केस के दूसरे जांच अधिकारी सब-इंस्पेक्टर तापस रॉय को जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने मामले के हर पहलू की बारीकी से और गहन जाँच पूरी की। सभी आवश्यक साक्ष्य और वैज्ञानिक प्रमाण जुटाने के बाद, उन्होंने मजबूती से अदालत में चार्जशीट (आरोप पत्र) दाखिल किया।

न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद, बारासात कोर्ट ने दोषी मिलन ओझा को POCSO (लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत इस क्रूर कृत्य के लिए दोषी ठहराया। माननीय अदालत ने अपराधी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही उस पर ₹50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि पीड़ित बच्ची और उसके परिवार के पुनर्वास में मदद के लिए इस्तेमाल की जाएगी।

अदालत का यह फैसला न केवल पीड़ित बच्ची को न्याय दिलाता है, बल्कि समाज में बच्चों के प्रति बढ़ते यौन अपराधों पर एक प्रभावी अंकुश लगाने का भी कार्य करेगा।

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