हिंदू राष्ट्र शक्ति ने की संदिग्ध अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई की मांग, एलजी को सौंपा ज्ञापन

हिंदू राष्ट्र शक्ति ने की संदिग्ध अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई की मांग, एलजी को सौंपा ज्ञापन
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सन्मार्ग संवाददाता

श्री विजयपुरम : हिंदू राष्ट्र शक्ति के राज्य अध्यक्ष राकेश्वर लाल ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें बाथू बस्ती, डेयरी फार्म, प्रेम नगर, साउथ पॉइंट, डॉलीगंज, गराचरमा, शहीद द्वीप, स्वराज द्वीप, विम्बरलीगंज, बांसफ्लैट, स्टुअर्टगंज, मन्नारघाट, नयापुरम, ओगराब्राज, तुषनाबाद और नमूनाघर सहित क्षेत्रों में गैर-द्वीपीय निवासियों के तत्काल सत्यापन का अनुरोध किया गया है। ज्ञापन में संदिग्ध अवैध प्रवासियों, विशेष रूप से बांग्लादेश से प्रवासी मजदूरों, फेरीवालों और घरेलू कामगारों सहित बढ़ती उपस्थिति के बारे में चिंता को उजागर किया गया है और सुरक्षा, जनसांख्यिकी और बुनियादी ढांचे की चुनौतियों का हवाला दिया गया है।

प्रस्तावित प्रमुख उपायों में शामिल हैं

कॉल रिकॉर्ड विश्लेषण : संदिग्ध व्यक्तियों के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड की जांच की जाये ताकि उन्हें सीमा पार नेटवर्क से जोड़ने वाले पैटर्न की पहचान की जा सके। अवैध प्रवेश के सूत्रधारों को उजागर करने के लिए यह महत्वपूर्ण है।

वित्तीय लेनदेन ऑडिट : आवास धोखाधड़ी या नकली दस्तावेजों के लिए इस्तेमाल किए गए बेहिसाब धन का पता लगाने के लिए बैंक लेनदेन और अनौपचारिक चैनलों की जांच की जाये।

आधार पुन: सत्यापन: अधिकृत केंद्रों पर आधार कार्ड का बायोमेट्रिक पुन: सत्यापन अनिवार्य किया जाये। पहचान धोखाधड़ी को रोकने के लिए संदिग्ध मामलों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ क्रॉस-चेक किया जाना चाहिए।

व्यवस्थित पुलिस सत्यापन : अनौपचारिक श्रमिकों (फेरीवाले, सड़क विक्रेता, गृहिणी आदि) का तत्काल सत्यापन किया जाये, जिनके पास औपचारिक दस्तावेज नहीं हैं, क्योंकि वे अवैध नेटवर्क द्वारा शोषण के लिए असुरक्षित हैं।

नियोक्ता की जवाबदेही : घरेलू कामगारों या विक्रेताओं को काम पर रखने वाले घरों और व्यवसायों से स्थानीय पुलिस स्टेशनों में कामगारों का विवरण जमा करने को अनिवार्य किया जाये। गैर-अनुपालन पर धारा 188 आईपीसी (कानूनी आदेशों की अवज्ञा) के तहत दंड लगाया जाना चाहिए।

इसके अतिरिक्त वे एसपीए में लगे कर्मचारियों के आवासीय पता के सत्यापन की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हैं जो कोलकाता या पूर्वोत्तर से पलायन कर आए हैं, क्योंकि वे बांग्लादेश के मूल निवासी हो सकते हैं। उनकी व्यक्तिगत पहचान सत्यापित की जानी चाहिए।

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