पुरजोर बहस के बाद शुभेंदु को मिली जाने की अनुमति

महेशतल्ला जाने से 24 घंटा पहले देनी पड़ेगी एसपी को नोटिस
पुरजोर बहस के बाद शुभेंदु को मिली जाने की अनुमति
Published on

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी एक विधायक के साथ अगले तीन दिनों के अंदर रवींद्रनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत महेशतल्ला में किसी भी दिन जा सकते हैं। करीब एक घंटे तक दोनों पक्षों के बीच चली पुरजोर बहस के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस सौगत भट्टाचार्या ने सोमवार को यह आदेश दिया। राज्य सरकार की तरफ से इस पीटिशन की ग्रहणयोग्यता पर सवाल उठाया गया। उनका सवाल था कि हाई कोर्ट अनुमति क्यों देगा।

क्यों के सवाल को स्पष्ट करते हुए जस्टिस भट्टाचार्या ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी ने महेशतल्ला जाने के लिए आवेदन किया था पर एसपी ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद ही हाई कोर्ट में रिट दायर की गई थी। लिहाजा कोर्ट को इस मामले को डिस्पोज करना पड़ेगा। जस्टिस भट्टाचार्या ने कहा कि उस क्षेत्र में 144 धारा 16 जून तक ही लागू है। इसलिए अगले तीन दिनों के अंदर वे किसी भी दिन जा सकते हैं। जाने से 24 घंटा पहले उन्हें डायमंड हार्बर के एसपी को नोटिस देनी पड़ेगी। इसके अलावा वहां जाने के बाद न तो कोई रैली निकाल सकते हैं और न ही कोई सभा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्हें आदेश देने के बाबत जस्टिस सौमेन सेन के डिविजन बेंच के आदेश से प्रेरणा मिली है। यहां गौरतलब है कि इस डिविजन बेंच ने शुभेंदु अधिकारी को मुर्शिदाबाद जाने की अनुमति दी थी। इस मामले में बहस करते हुए सीनियर एडवोकेट कल्याण बनर्जी ने सवाल किया कि किस कानून के तहत उन्होंने हाई कोर्ट में रिट दायर की है। उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है क्योंकि कोर्ट ने इस पर पाबंदी लगा रखी है। एजी किशोर दत्त की दलील थी कि सरकार को कानून व्यवस्था के तहत कार्रवाई करनेे का अधिकार है। धारा 144 तो 16 जून तक थी अब उन्हें किसने रोका है। उनकी तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट विल्वादल भट्टाचार्या की दलील थी कि विपक्ष के नेता के नाते इस घटना के पीड़ितों से वे मिलना चाहते थे। यह कोई अपवाद नहीं है। हर बार उन्हें जाने के लिए हाई कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती है। यहां गौरतलब है कि महेशतल्ला में दो गुटों के बीच टकराव के कारण बड़े पैमाने पर अशांति फैल गई थी।


संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in