मंदारमणि होटलों के मामले में हाई कोर्ट ने मांगा केंद्र से जवाब

सुरक्षा कवच की अवधि को सितंबर तक बढ़ाया
मंदारमणि होटलों के मामले में हाई कोर्ट ने मांगा केंद्र से जवाब
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : मंदारमणि के होटलों के मामले में हाई कोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने केंद्र सरकार को अपना स्टैंड स्पष्ट करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही इन होटलों को मिले सु्रक्षा कवच की अवधि को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है। यहां गौरतलब है कि एनजीटी ने कोस्टल रूल्स के उल्लंघन का हवाला देते हुए यहां के चिन्हित होटलों को तोड़े जाने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ अपील करने पर हाई कोर्ट ने एनजीटी के आदेश पर स्टे लगा दिया था।

शुक्रवार को इस मामले की सुनवायी के दौरान जस्टिस सिन्हा ने केंद्र सरकार के एडवोकेट से जानना चाहा कि क्या यहां कोस्टल जोन है और क्या कोस्टल रूल्स लागू है। केंद्र सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल ने कहा कि उन्हें कुछ समय दिया जाए ताकि वे संबंधित मंत्रालय से इस बाबत स्पष्ट निर्देश ले सके। जस्टिस सिन्हा ने कहा कि अनन्त काल तक तो यह मामला चल नहीं सकता है। केंद्र सरकार को इस बाबत अपना स्टैड स्पष्ट करना पड़ेगा। जस्टिस सिन्हा ने जानना चाहा कि क्या मंदरमणि के क्षेत्र में कोस्टल जोन को चिन्हित किया गया है। प्रदूषण विभाग की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट नयन बिहानी ने कहा कि इस मामले से प्रदूषण विभाग का कोई लेनादेना नहीं है। केंद्र के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को इस बाबत फैसला लेना पड़ेगा। जस्टिस सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार होटल वालों के पक्ष में है पर केंद्र सरकार इस बाबत स्पष्ट फैसला नहीं ले रही है। इस मामले की अगली सुनवायी जुलाई में होगी।


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