ल मार्टिनियर को मिली हाई कोर्ट से मरम्मत की अनुमति

इस बाबत कुछ शर्तों का अनुपालन करना पड़ेगा
ल मार्टिनियर को मिली हाई कोर्ट से मरम्मत की अनुमति
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : ल मार्टिनियर ब्वायज एंड गर्ल्स स्कूल को बिल्डिंगों का मरम्मत कार्य कराने की अनुमति हाई कोर्ट से मिल गई। जस्टिस राजाशेखर मंथा और जस्टिस अजय कुमार गुप्ता के डिविजन बेंच ने शुक्रवार को इस बाबत दायर मामले की सुनवायी करने के बाद यह आदेश दिया। डिविजन बेंच ने इसके साथ ही कुछ शर्तें भी लगा दी है, जिनपर स्कूल को अमल करना पड़ेगा। इसकी रिपोर्ट रेगुलर बेंच में पेश करनी पड़ेगी।

हेरिटेज कमेटी की बैठक में इस बाबत लिए गए फैसले की रिपोर्ट सुनवायी के समय कोर्ट में दाखिल की गई। यह बैठक वृहस्पतिवार को हुई थी। इसके साथ ही कोलकाता नगरनिगम की तरफ से भी रिपोर्ट दाखिल की गई। केएमसी के एडवोकेट आलोक घोष ने बताया कि डिविजन बेंच ने आदेश दिया है कि मरम्मत का यह कार्य एक हेरिटेज कंजर्वेशनिस्ट और केएमसी के स्ट्रक्चरल इंजीनियर की देख रेख में कराना पड़ेगा। डिविजन बेंच ने कमिश्नर को उनके नाम तय करने का आदेश दिया है। यहां गौरतलब है कि इस बाबत स्कूल प्रबंधन और केएमसी में सहमति नहीं बन पा रही थी। स्कूल की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट की दलील थी कि कई बार आवेदन करने के बावजूद केएमसी से मरम्मत कार्य कराये जाने की अनुमति नहीं मिली। इसी दौरान 21 मई को स्कूल की बिल्डिंग के एक कमरे की सीलिंग का एक बहुत बड़ा टुकड़ा नीचे गिर गया। इसके बाद स्कूल की तरफ से 22 मई को हाई कोर्ट में एक रिट दायर की गई थी। स्कूल के एडवोकेट की दलील थी कि मरम्मत कार्य नहीं कराये जाने से कभी भी कोई दुर्घटना घट सकती है। वैकेशन बेंच के बाद डिविजन बेंच में यह मामला उठा था। बहरहाल डिविजन बेंच के आदेश पर रिपोर्ट दाखिल करने के बाद स्कूल को मरम्मत कार्य कराने की अनुमति मिल गई।


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