बुक्सा टाइगर प्रोजेक्ट के बाबत हाई कोर्ट का सवाल
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : बुक्सा टाइगर प्रोजेक्ट से जुड़े एक मामले की शुक्रवार को सुनवायी करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस विश्वजीत बसु ने सवाल किया कि क्या सरकार इस मामले में कार्रवाई करेगी। इस बाबत दायर रिट में आरोप लगाया गया है कि होम स्टे का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। होम स्टे के नाम पर कई मंजिली होटल बना लिए गए हैं। जस्टिस बसु ने आदेश दिया है कि पंजिकृत होम स्टे की जांच की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि उन्होंने पंजीकरण कराया है या नहीं।
इस बाबत राज्य सरकार की तरफ से दाखिल रिपोर्ट में कहा गया है कि उस क्षेत्र में 27 पंजिकृत होम स्टे हैं। जबकि मामला दायर करने वाले पर्यावरणविद सुभाष दत्ता ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वहां 69 होम स्टे हैं। जस्टिस बसु ने कहा कि उन्हें बंद कराया जाए। उनकी तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट की दलील थी कि वे बंद पड़े हैं। यहां गौरतलब है कि एनजीटी ने बुक्सा टाइगर प्रोजेक्ट क्षेत्र में अवैध होम स्टे को बंद किए जाने का आदेश दिया है। इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की गई है। जस्टिस बसु ने आदेश दिया कि इन 27 होम स्टे के मामले में राज्य सरकार की नीति क्या है, क्या राज्य सरकार की 2022 की नीति का मसौदा 2012 की इस बाबत जारी गाइड लाइन के अनुरूप है। जस्टिस बसु ने आदेश दिया कि होम स्टे के व्यवसायीकरण पर रोक लगायी जाए। यहां गौरतलब है कि सरकार की होम स्टे योजना इस इरादे से बनायी गयी थी कि पर्यटक वहां रहेंगे तो इस क्षेत्र के आदिवासियों का विकास होगा। इसके उलट आदिवासियों के नाम का इस्तेमाल करते हुए होम स्टे के नाम पर बहुमंजिली होटल बनाए गए हैं। होम स्टे योजना के तहत न्युनतम एक या अधिकतम छह कमरों का इस्तेमाल किया जा सकता है।