

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कमरहट्टी पालिका क्षेत्र में स्थित बहुचर्चित नेता जयंत सिंह की बिल्डिंग को तोड़े जाने के आदेश पर हाई कोर्ट ने स्टे लगाने से इनकार कर दिया। जस्टिस गौरांग कांथ ने अवैध रूप से बनायी गई इस बिल्डिंग को तोड़े जाने का आदेश दिया है। इसके खिलाफ एक अपील दायर की गई है। जस्टिस राजाशेखर मंथा और जस्टिस अजय कुमार गुप्त ने मंगलवार को मामले की सुनवायी के बाद कमरहट्टी नगरपालिका को आदेश दिया है कि पीटिशनर को भी मकान तोड़े जाने से पहले सुना जाए।
अलबत्ता डिविजन बेंच ने इसके साथ एक शर्त लगा दी है कि पीटिशनर प्रशांत सिंह को पहले यह साबित करना पड़ेगा कि इस बिल्डिंग से उनका वास्ता क्या है। प्रशांत सिंह का दावा है कि वे भी उसी बिल्डिंग में रहते हैं। नगरपालिका ने उसे तोड़े जाने का आदेश देने से पहले उन्हें अपनी बात कहने का मौका नहीं दिया है। प्रशांत सिंह की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट का दावा था कि वह उसी बिल्डिंग में रहते हैं। अब यह बात दीगर है कि इसे साबित करने के पक्ष में वे कोई दस्तावेज कोर्ट में पेश नहीं कर पाए। दूसरी तरफ इस बिल्डिंग के खिलाफ मूल मामला दायर करने वाले के एडवोकेट का दावा था कि प्रशांत सिंह उस बिल्डिंग में रहने का कोई सुबूत पेश नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह यह है कि वे इस बिल्डिंग में रहते ही नहीं हैं। इस बिल्डिंग का मालिक जयंत सिंह इन दिनों अन्य मामले में गिरफ्तार होने के कारण जेल में है। अब इस अवैध बिल्डिंग को बचाने के लिए एक फर्जी दावेदार को पेश किया गया है। डिविजन बेंच ने भी आदेश दिया है कि प्रशांत सिंह को इस बिल्डिंग में रहने का सुबूत पेश करना पड़ेगा। यहां गौरतलब है कि पालिका को इस बिल्डिंग को तोड़े जाने के आदेश का अनुपालन रिपोर्ट जस्टिस कांथ के कोर्ट में अगली तारीख को पेश करनी है।