शर्मिष्ठा को मिली हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत

पुलिस को दिया सुरक्षा दी जाने का आदेशमेकानिकल तरीके से जारी किया गिरफ्तारी वारंट
शर्मिष्ठा को मिली हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत
Published on

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : फेसबुक पर एक पोस्ट के मामले में गिरफ्तार शर्मिष्ठा पनोली को हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई। अलबत्ता राज्य सरकार ने वृहस्पतिवार को हुई सुनवायी में इसका विरोध किया था, पर जस्टिस राजा बसु चौधरी ने अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दिया। अलबत्ता इसके साथ कुछ शर्तें लगा दी गई हैं। जस्टिस बसु ने इसके साथ ही पुलिस को आदेश दिया है कि पीटिशनर की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

जस्टिस बसु ने आदेश दिया है कि शर्मिष्ठा को दस हजार रुपए के बेल बांड पर रिहा किया जाए। मामले के चलते रहने के दौरान देश से बाहर नहीं जा सकती है। उसे जांच में सहयोग करना पड़ेगा। मामले के आईओ जब तलब करेंगे तब आना पड़ेगा। वह पुणे में रहती है और एक लॉ कालेज की छात्रा है। जस्टिस बसु ने कहा कि उसके खिलाफ दर्ज मामलो में अधिकतम सजा तीन साल की है। उसकी उम्र कम है और एक छात्रा है, इतने दिनों से जेल में हैं। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने की कोई वजह नहीं बतायी गई है। जस्टिस बसु ने सवाल किया कि गिरफ्तारी का आदेश कहां है पर राज्य सरकार इसे दिखा नहीं पायी। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी का यह परवाना इसकी वजह नहीं बताता है। बेहद मेकानिकल तरीके से गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है। जस्टिस बसु ने कहा कि अभियुक्त को गिरफ्तारी की वजह जानने का पूरा हक है। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट जनरल किशोर दत्त का दावा था कि कानून के तहत गिरफ्तारी की गई है। इससे पहले उसे नोटिस दी गई थी। जांच में सहयोग नहीं करने पर अदालत से गिरफ्तारी का वारंट जारी कराया गया था। शर्मिष्ठा की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट डीपी सिंह की दलील थी कि वह कोलकाता में ही थी। उसे हत्या और बलात्कार की धमकी दी गई। उसके मकान पर भीड़ का जमावड़ा हुआ। वह 15 मई से 18 मई तक सुरक्षा के लिए थानों में जाकर गुहार लगाती रही। कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सुरक्षा के लिए 20 मई को सुबह दिल्ली चली गई थी। जिस दौरान नोटिस जारी की गईं उस समय वह कोलकाता में नहीं थी। जस्टिस बसु ने इस मामले में पुलिस की कोताही पर असंतोष जताते हुए कहा कि यह एक महिला की अस्मिता का सवाल था। एजी की दलील थी कि फिलहाल अंतरिम जमानत नहीं दी जाए, इसे रेगुलर बेंच में भेज दिया जाए। इसके साथ ही कहा कि अभी जांच चल रही है। जस्टिस बसु ने इसे खारिज करते हुए अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दे दिया। एजी ने इस पर स्टे लगाने की अपील की, पर कोर्ट ने इनकार कर दिया।


संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in