

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : माध्यमिक के टीचरों की नियुक्ति के लिए बनाए गए रूल्स और इस बाबत जारी की गई अधिसूचना को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। जस्टिस पार्थ सारथी चटर्जी के बेंच में इसे मंगलवार को मेंशन किया गया तो उन्होने रिट दायर करने के लिए लीव दे दी। इसके साथ ही आदेश दिया कि इस बाबत दायर रिट पर सुनवायी पांच जून को होगी। इस रिट में दावा किया गया है कि रूल्स और अधिसूचना दोनों ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उलट हैं।
एडवोकेट फिरदौश शमीम ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2016 की एसएलएसटी की नियुक्ति प्रक्रिया को खारिज कर दिया है। इस वजह से करीब 26 हजार नियुक्तियां खारिज हो गई हैं। इनमें टीचर और गैरशैक्षिक कर्मचारी दोनों ही शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने नये सिरेे परीक्षा लेने का आदेश दिया है। इसके साथ ही पूरी प्रक्रिया की रूपरेखा भी तय कर दी है। एडवोकेट शमीम का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह कहीं नहीं कहा है कि इस नियुक्ति प्रक्रिया के लिए नये रूल्स बनाए जाए। एसएससी ने नया रूल्स बनाया है और इसके तहत अधिसूचना जारी की है। सुप्रीम कोर्ट ने 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया को खारिज करते हुए नये सिरे से नियुक्ति देने का आदेश दिया है। इसमें उन्हीं लोगों को हिस्सा लेना है जिन्होंने 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया में हिस्सा लिया था। राज्य सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना में इसके दायरे को बढ़ा दिया गया है। इस नयी अधिसूचना के तहत 44 हजार टीचरों की नियुक्ति की जानी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस परीक्षा में सिर्फ योग्य (नान टेंटेड) टीचर ही हिस्सा ले सकेंगे। जो अयोग्य (टेंटेड) हैं वे इसमें हिस्सा नहीं ले सकते हैं। एडवोकेट शमीम की दलील है कि अभी तक टेंटेड टीचरों की सूची का प्रकाशन नहीं किया गया है। इसके बगैर टेंटेड और नॉनटेंटेड की पहचान कैसे हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने आयु सीमा में छूट देने के लिए एक प्रक्रिया तय कर दी है। इसके तहत प्रत्येक स्तर पर छूट मिलेगी। इस नयी अधिसूचना के तहत एक ही स्तर पर छूट मिलेगी। इसके अलावा अनुभव के आधार पर दस नंबर ग्रेस देने की बात कही गई है। इस तरह तो परीक्षार्थियों का दे लेवल तैयार हो जाएगा। जबकि 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया में ऐसा कुछ नहीं था। मिसाल के तौर पर अगर कुल नंबर 100 है तो एक को पहले ही दस मिल जाएगा। यानी वह दस का एडवेंटेज लेकर परीक्षा में बैठेगा। इसकी सुनवायी पांच जून को होगी।