

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : विशेषज्ञों की एक टीम लॉ मार्टिनियर ब्वायज और लॉ मार्टिनियर गर्ल्स स्कूल की बिल्डिंग का मुआयना करने के बाद हाई कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करेगी। जस्टिस तीर्थंकर घोष और जस्टिस स्मिता दास के डिविजन बेंच ने शुक्रवार को लॉ मार्टिनियर की तरफ से दाखिल अपील पर सुनवायी के बाद यह आदेश दिया। इस बाबत एक सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ अपील की गई है।
जस्टिस तीर्थंकर घोष ने मुआयने के लिए सुनवायी के दौरान एक टीम का भी गठन कर दिया। इस टीम में हेरिटेज कमिशन का एक प्रतिनिधि, कोलकाता नगरनिगम के बिल्डिंग विभाग के दो अधिशासी अभियंता और पीटिशनर के एडवोकेट को शामिल किया जाएगा। जस्टिस घोष ने कहा कि मामला बिल्डिंग का है, इसलिए कोलकाता नगरनिगम के दो अधिशासी अभियंता को शामिल किया जाए। यह कमेटी एक सीलबंद लिफाफे में पांच जून को अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी और इसी दिन इसकी सुनवायी होगी। राज्य सरकार की तरफ से इस मामले में दखल दिया गया तो पीटिशनर की दलील थी कि राज्य इस मामले में पार्टी नहीं है। जस्टिस घोष ने राज्य को भी इस मामले में पार्टी बनाने का आदेश दिया। निगम और हेरिटेज कमिशन की तरफ से रिपोर्ट भी दाखिल की गई। हेरिटेज कमिशन की तरफ से दी जा रही दलील के दौरान जस्टिस घोष ने सवाल किया कि स्कूल चलने देना चाहते हैं या नहीं। इधर स्कूल की तरफ से दलील दी गई कि करीब तीन सौ वर्गफुट की सीलिंग टूट कर गिर गई है। बिल्डिंग का एक बड़ा हिस्सा बेहद खस्ता हाल में है। पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए एक जोखिम बन गया है। मरम्मत कार्य की अनुमति के लिए अपील की गई थी, पर कोई जवाब नहीं मिला। यहां गौरतलब है कि यह एक हेरिटेज बिल्डिंग है। जस्टिस गौरांग कांथ ने इसी का हवाला देते हुए आदेश दिया है कि हेरिटेज कमिशन की अनुमति के बगैर मरम्मत का कार्य नहीं कराया जा सकता है। उन्होंने कमिशन और नगरनिगम को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। इधर स्कूल वालों की दलील है कि 12 जून से स्कूल खुल जाएगा तो मरम्मत कार्य कराने में काफी दिक्कत आएगी। इस समस्या का हल अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही हो पाएगा।