

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : विकास भवन के पास चल रहे धरना के बाबत हाई कोर्ट अपना आदेश शुक्रवार को देगा। वहां धरना से राज्य सरकार को आपत्ति क्यों है इस बाबत राज्य सरकार को एक एप्लिकेशन देकर इसे बताना पड़ेगा। राज्य सरकार की तरफ से यह एप्लिकेशन शुक्रवार को दिया जाएगा। इसके साथ इस मामले के दोनों पीटिशनरों के खिलाफ शुक्रवार को मामले की सुनवायी नहीं होने तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी। जस्टिस तीर्थंकर घोष ने वृहस्पतिवार को मामले की सुनवायी के बाद यह मौखिक आदेश दिया।
यहां गौरतलब है कि जस्टिस घोष के आदेश के मद्देनजर दोनों ही पीटिशनरों ने विधाननगर उत्तर थाने में वृहस्पतिवार को अपनी हाजिरी दी थी और पुलिस ने उनसे पूछताछ भी की। उनकी तरफ से दायर पीटिशन में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने की अपील की गई है। इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट कल्याण बनर्जी ने कहा कि इस धरना के कारण विकास भवन में स्थित दर्जनों कार्यालयों का कार्य प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि वहां की स्टेट बैंक की शाखा का कामकाज भी प्रभावित हुआ है। एफआईआर खारिज नहीं किए जाने के मामले में उनकी दलील थी कि वहां गेट तोड़ा गया। वहां किए गए पथराव के कारण एक आईपीएस सहित 22 पुलिस वाले घायल हुए हैं। इसके अलावा 21 सामान्य लोग भी घायल हुए हैं। इसके बाद ही जस्टिस घोष ने आदेश दिया कि सरकार एप्लिकेशन दाखिल करे इसके बाद कोर्ट दोनों पक्षों के हित पर नजर रखते हुए उपयुक्त आदेश देगा। पीटिशनरों की तरफ से बहस करते हुए एडवोकेट सुदीप्त मोयत्रा की दलील थी कि पीटिशनरों की न्यायसंगत मांग पर गौर करने के बजाए उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया जा रहा है। जस्टिस घोष ने कहा कि वे इस मामले में शुक्रवार को आदेश देंगे।