

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : पूर्व मिदनापुर के एक महिला थाना में दो युवितियों के साथ की गई मारपीट और जुल्म के मामले में पुलिस अफसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जस्टिस तीर्थंकर घोष ने इस बाबत आदेश दिया था। इसके खिलाफ राज्य सरकार की तरफ से जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती के डिविजन बेंच में वृहस्पतिवार को अपील की गई थी। डिविजन बेंच ने स्टे के बाबत अतरिम आदेश देने से इनकार करते हुए कहा कि इसकी सुनवायी वैकेशन बाद की जाएगी।
यहां गौरतलब है कि जादवपुर की घटना के विरोध में सुश्रिता सोरेन और एक अन्य युवती विश्वविद्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर रही थी। इस दौरान महिला पुलिस से आई पुलिस वालों की गारद ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें आधी रात को छोड़ा गया था। हिरासत में रहने के दौरान उन पर काफी जुल्म ढ़ाया गया था और उनके साथ मारपीट भी की गई थी। इसके बाद उन्होंने पुलिस के खिलाफ ओवरएक्शन का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में रिट दायर कर दी। जस्टिस घोष ने आईपीएस मुरलीधरन की अध्यक्षता में एक कमेटी को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया था। उनकी रिपोर्ट आने के बाद जस्टिस घोष ने पुलिस अफसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। एजी ने डिविजन बेंच में इस बाबत पैरवी करने के दौरान यह जानकारी नहीं दी कि कितने पुलिस वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।