

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : रेड रोड पर हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन करने की अनुमति नहीं मिली। पुलिस से अनुमति नहीं मिलने के बाद हिंदू सेवा दल की तरफ से हाई कोर्ट में रिट दायर की गई थी। जस्टिस तीर्थंकर घोष ने इस तरह की कोई नजीर नहीं होने का हवाला देते हुए रिट को शुक्रवार को खारिज कर दिया। इसके बाद चीफ जस्टिस टी एस शिवंगनम और जस्टिस चैताली चटर्जी के डिविजन बेंच में अपील की गई। चीफ जस्टिस ने भी सिंगल बेंच के फैसले को बहाल रखते हुए अपील को खारिज कर दिया।
सेवा दल की तरफ से दायर रिट में कहा गया था कि हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन सुबह पांच बजे से ग्यारह बजे तक किया जाएगा। इसमें तीन हजार के करीब लोग हिस्सा लेंगे और एक छोटा सा मंच भी बनाया जाएगा। जस्टिस तीर्थंकर घोष ने पीटिशनर के एडवोकेट से सवाल किया कि क्या रेड रोड पर पहले इस तरह का आयोजन किए जाने की कोई नजीर है। नहीं में जवाब आने पर जस्टिस घोष ने कहा कि पहले एफिडेविट दाखिल कर के अपने अधिकार को स्थापित करें। उनकी दलील थी कि सेना से अनुमति मिल चुकी है और पुलिस अनुमति नहीं दे रही है। जबकि इससे पहले एक दूसरे धर्म के धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन इस स्थान पर किया गया था। इस पर जस्टिस घोष ने कहा कि इसका सौ साल से भी अधिक पुराना इतिहास है और पहले इसका आयोजन शहीद मिनार मैदान में किया जाता रहा था। शहीद मैदान में पानी जमने के कारण खिलाफत आंदोलन के दौरान इसका आयोजन रेड रोड पर किया जाने लगा था। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे एजी किशोर दत्त ने इसका आयोजन शहीद मिनार मैदान या वाई चैनल पर किए जाने का सुझाव दिया। पीटिशनर इससे सहमत नहीं हुए तो जस्टिस घोष ने रिट खारिज कर दी। इसके खिलाफ चीफ जस्टिस के बेंच में अपील दायर की गई। वे इसे सुनने को तैयार नहीं थे। उनसे कहा गया कि 12 अप्रैल को हनुमान जयंती है और अब समय नहीं है। इसके बाद ही चीफ जस्टिस सुनने को सहमत हो गए। चीफ जस्टिस ने सुनवायी के दौरान सवाल किया कि आखिर इसका आयोजन रेड रोड पर ही क्यों करना चाहते हैं, आरआर एवेन्य और शहीद मिनार मैदान से एतराज क्यों है। इस रेड रोड की क्या ऐसी कोई पवित्रता है जिसकी वजह से यहीं करना चाहते हैं। पीटिशनर की तरफ से दूसरे धार्मिक कार्यक्रम और दुर्गा पूजा कार्निवल का हवाला दिया गया। एजी ने कहा कि पूजा कार्निवल को अंतरश्ष्ट्रीय पहचान मिली है और उससे इसकी तुलना नहीं करें। यहां कार्यक्रम की अवधि को पांच से आठ बजे तक करने का हवाला देते हुए अनुमति देने की अपील की गई। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि सारे विषयों पर राजनीति का रंग नहीं चढ़ाए, रेड रोड इस तरह के कार्यक्रम के लिए नहीं है। चीफ जस्टिस ने सिंगल बेंच के फैसले में दखल देने से इनकार करते हुए अपील को खारिज कर दिया।