

सन्मार्ग संवाददाता
नयी दिल्ली/कोलकाता : राज्य सरकार को सरकारी कर्मचारियों के बकाये डीए के 25 फीसदी का भुगतान चार सप्ताह में करना पड़ेगा। इस बाबत दायर अपील पर शुक्रवार को सुनवायी के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय करोल और जस्टिस मनोज मिश्रा के डिविजन बेंच ने यह आदेश दिया है। इसका भुगतान चार सप्ताह के अंदर करना पड़ेगा। इस बाबत राज्य सरकार की तरफ से अपील दायर की गई थी। इसकी अगली सुनवायी अगस्त में होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले तो 50 फीसदी बकाया भुगतान किए जाने का आदेश दिया था। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी की दलील थी कि अगर 50 फीसदी का भुगतान करना पड़ा तो राज्य सरकार की कमर ही टूट जाएगी। इसके साथ ही कहा कि राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है। राज्य सरकार की तरफ से नौ फीसदी का भुगतान करने की पेशकश की गई। जस्टिस संजय करोल ने इसे खारिज करते हुए 25 फीसदी भुगतान किए जाने का आदेश दिया। जस्टिस करोल ने कहा कि यह मामला, ट्राइब्यूनल और हाई कोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक आया है। सभी ने डीए का भुगतान किए जाने के पक्ष में फैसला सुनाया है। जस्टिस करोल ने कहा कि 25 फीसदी की दर से चार सप्ताह के अंदर भुगतान करना ही पड़ेगा। पीटिशनरों की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट विकास रंजन भट्टाचार्या ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में पहली बार डीए का मामला 2022 में किया गया था। इसके बाद 2024 के एक दिसंबर से इस मामले की सुनवायी बार-बार टलती रही। एडवोकेट भट्टाचार्या ने बताया कि अभी तक इस मामले की सुनवायी 18 बार टल चुकी है। यहां गौरतलब है कि सबसे पहले डीए का मामला ट्राइब्यूनल में किया गया था। ट्राइब्यूनल ने इस मामले को यह कह कर खारिज कर दिया था कि डीए कर्मचारियों का बुनियादी अधिकार नहीं है। इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की गई थी। तत्कालीन जस्टिस देवाशिष करगुप्त और जस्टिस शेखर बी सराफ ने लंबी सुनवायी के बाद फैसला सुनाया कि डीए कर्मचारियों का बुनियादी अधिकार है। इसके बाद बकाये डीए के भुगतान को लेकर हाई कोर्ट के डिविजन बेंच में मामला दायर किया गया। जस्टिस हरीश टंडन के डिविजन बेंच ने बकाया भुगतान का आदेश दिया था। इसके खिलाफ राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी। एडवोकेट भट्टाचार्या ने कहा कि संविधान की धारा 309 के आधार पर ही रोपा रूल्स 2009 का गठन किया गया है। इसी के आधार पर राज्य के सरकारी कर्मचारियों को डीए का भुगतान किया जाता है।