सभी को जमानत मिली है हमें क्यों नहीं : शांति प्रसाद सिन्हा

राज्य सरकार सैंशन देगी या नहीं 19 को बताएं : जज
सभी को जमानत मिली है हमें क्यों नहीं : शांति प्रसाद सिन्हा
Published on

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : मुर्शिदाबाद के टीचर नियुक्ति घोटाले में सीआईडी ने शांति प्रसाद सिन्हा को गिरफ्तार किया है। सिन्हा सीबीआई के मामले में पहले से ही जेल हिरासत में हैं, इसलिए उन्हें शोन अरेस्ट दिखाया गया है। मंगलवार को उनके एडवोकेट की दलील थी कि इस मामले में अभियुक्त को तो जमानत मिल चुकी है पर उनके मुवक्किल को जमानत नहीं मिल रही है। इस दौरान सैंशन का मुद्दा आया तो जस्टिस शुभ्रा घोष ने पीपी से जानना चाहा कि राज्य सरकार सैंशन देगी या नहीं, इस बाबत 19 मई को जवाब दें। इसी दिन अगली सुनवायी होगी।

उनकी तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट मनजीत सिंह की दलील थी कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया है कि 72 साल तक की उम्र के लोगों को जमानत दी जाए। उनके मुवक्किल की उम्र तो 73 साल से भी अधिक है। उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार से सैंशन नहीं मिला है और इस वजह से वह एक साल तीन माह से भी अधिक समय से जेल में है। इस मौके पर जस्टिस शुभ्रा घोष ने जानना चाहा कि सरकार से सैंशन मिलने के मामले में क्या कार्यवाही की गई है तो जवाब में कहा गया कि कुछ नहीं किया गया है। इसके बाद ही जस्टिस शुभ्रा घोष ने पीपी को आदेश दिया कि वे सैंशन के मामले में सरकार का क्या फैसला है इस बाबत 19 मई को जवाब दे। एडवोकेट सिंह की दलील थी कि सैंशन नहीं मिलने के कारण चार्जशीट दाखिल नहीं की जा रही है। सीआईडी ने शांति प्रसाद सिन्हा को जस्मीन खातून को टीचर की नौकरी देने की संस्तुति की जाने के मामले में गिरफ्तार किया है। एडवोकेट सिंह की दलील थी कि इस मामले में प्राइमरी काउंसिल के शेख शिराजुद्दीन और यहां तक कि जस्मीन खातून को भी जमानत मिल चुकी है। नियुक्ति देने वाले आलोक सरकार को भी जमानत मिल चुकी है। जस्टिस घोष ने कहा कि किसी एक व्यक्ति की भूमिका से यह सब नहीं हो सकता है, यह एक साझा प्रयास रहा है। जस्टिस घोष ने कहा कि सरकार ने सैंशन देने से इनकार नहींं किया है, हो सकता है वह इंतजार कर रही हो। बहरहाल 19 मई को इसका जवाब मिलेगा।


संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in