बाकी जिलों में मनरेगा योजना क्यों नहीं करते हैं लागू : हाई कोर्ट

चीफ जस्टिस के डिविजन बेंच ने मांगा केंद्र सरकार से जवाबचार जिलों के फंड में लगा है हेराफेरी का आरोप

बाकी जिलों में मनरेगा योजना क्यों नहीं करते हैं लागू : हाई कोर्ट
Published on

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के चार जिलों को छोड़ कर बाकी जिलों में मनरेगा योजना क्यों नहीं लागू की जा रही है। इन चार जिलों में फंड में हेराफेरी किए जाने का आरोप है। इस बाबत दायर कई पीआईएल पर वृहस्पतिवार को सुनवायी करते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टी एस शिवंगनम और जस्टिस चैताली चटर्जी के डिविजन बेंच ने यह सवाल किया। चीफ जस्टिस ने केंद्र सरकार को इस बाबत जवाब देने का आदेश दिया है।

इस मामले में बहस करते हुए एडवोकेट विकास रंजन भट्टाचार्या की दलील थी कि 2022 से राज्य को इस योजना के तहत फंड का आवंटन नहीं किया जा रहा है। उनकी दलील थी कि बर्दवान, हुगली, मालदह और दार्जिलिंग में इस योजना के तहत मिले फंड में हेराफेरी का आरोप लगा था। केंद्र सरकार की ऑडिट टीम ने जांच करने के बाद कहा था कि 537 लाख रुपए की हेराफेरी की गई है। इसके साथ ही इसकी वसूली का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने इस मद में 239 लाख रुपए की वसूली की है और यह रकम नोडल कमेटी के बैंक खाते में जमा है। एएसजी की दलील थी कि और जिलों में भी आरोप लगा है तो चीफ जस्टिस ने कहा कि ऑडिट टीम ने तो चार ही जिलों में जांच की है। चीफ जस्टिस ने जानना चाहा कि क्या इस रकम का इस्तेमाल इस मद में किया जा सकता है। एएसजी ने कहा कि केंद्र सरकार ही इस रकम के बारे में फैसला करेगी। इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि जिन लोगों के पास जॉब कार्ड है उन्हें बेकार भत्ता क्यों नहीं दिया गया। अगली सुनवायी में केंद्र सरकार को इन सवालों का जवाब देना पड़ेगा।


संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in