जूट बैग के ऑर्डर में नहीं कर सकते हैं कटौती

हाई कोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने दिया आदेशजूट कमिश्नर को दिया रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
जूट बैग के ऑर्डर में नहीं कर सकते हैं कटौती
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : हाई कोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने आदेश दिया है कि खाद्यान्न पदार्थो की पैकेजिंग के लिए जूट बैग के ऑर्डर में कोई कटौती नहीं की जा सकती है। इसके साथ ही जस्टिस सिन्हा ने जूट कमिश्नर को इस मामले में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन की तरफ से दायर रिट पर वृहस्पतिवार को सुनवायी के बाद जस्टिस सिन्हा ने यह आदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने नेचुरल जस्टिस का हवाला देते हुए पॉलि बैग पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया। उनकी दलील थी कि दिए जा चुके ऑर्डर पर स्टे लगाना मुनासिब नहीं होगा।

जूट बैग के प्रोक्यूरमेंट प्लान को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में रिट दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि जूट बैग उपलब्ध होने के बावजूद इसके ऑर्डर को डायल्यूट, यानी कटौती, किया गया है। जस्टिस सिन्हा ने सवाल किया कि अगर अभी ऑर्डर दिया जाता है तो क्या इसकी आपूर्ति करने को तैयार हैं। पीटिशनरों की तरफ से कहा गया कि ऑर्डर मिलने के 14 दिनों के अंदर डिलीवरी करने को तैयार है। टेक्सटाइल मंत्रालय का आदेश है कि खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग के लिए सौ फीसदी जूट बैग का इस्तेमाल किया जाना है। प्रतिवादियों की तरफ से कहा गया कि समय पर डिलीवरी नहीं किए जाने के कारण ही ऑर्डर को डायल्यूट किया गया। अगर इसकी आवश्यकता पड़ती है तो इस बाबत फैसला लेने के लिए एक कमेटी है। जूट बैग के ऑर्डर देने के लिए एक प्रक्रिया है। अगर निर्धारित समय पर ऑर्डर नहीं दिया जाता है तो जूट मिलों को बैग की आपूर्ति के लिए अधिक समय देना पड़ेगा। अगर इसके बाद भी डिलीवरी नहीं कर पाते हैं तो डायल्यूसन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। पीटिशनरों की तरफ से कहा गया कि जानरूझ कर समय पर ऑर्डर नहीं दिया गया। उनकी दलील थी कि वे एक पखवाड़े के अंदर डिलीवरी करने को तैयार हैं। जस्टिस सिन्हा ने जूट कमिश्नर को आदेश दिया कि वे उन जूट बैग का इस्तेमाल करने की दिशा में कदम उठाएं जो डिलीवरी के लिए तैयार हैं। जूट बैग के लिए तत्काल ऑर्डर दिया जाए। इसके साथ ही इसमें और कटौती नहीं की जाएगी। जस्टिस सिन्हा ने जूट कमिश्नर को एक रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। इसमें यह बताना है कि जूट बैग को प्राथमिकता क्यों नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही कमिश्नर से कहा कि जूट उद्योग को प्रमोट करने की जिम्मेदारी तो आपकी है।


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