आदेश का अनुपालन करें या फिर कोर्ट में हाजिर हों

बारासात के एसपी, पालिका के चेयर व वाइस चेयरमैन : हाई कोर्ट
आदेश का अनुपालन करें या फिर कोर्ट में हाजिर हों
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : हाई कोर्ट के जस्टिस अरिजीत बनर्जी और जस्टिस अपूर्व सिन्हा राय ने अवैध निर्माण के मामले में सख्त रुख अख्तियार किया है। डिविजन बेंच ने बारासात के एसपी और नगरपालिका के चेयरमैन व वाइस चेयरमैन को आदेश दिया है कि या तो अगली सुनवायी में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करें या फिर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर हों। अवैध निर्माण के मामले में आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने को लेकर कंटेंप्ट का मामला दायर किया गया है।

डिविजन बेंच में सुनवायी के दौरान पीटिशनर के एडवोकेेट ने कुछ तस्वीरें पेश करते हुए दावा किया कि अभी भी बहुत सारे अवैध निर्माण अपने स्थान पर बने हुए हैं। एसपी का मानना है कि सारे अवैध निर्माण हटा दिए गए हैं, पर जमीनी स्तर पर ऐसा नहीं हुआ है। इस मामले में इसी सप्ताह सुनवायी के दिन एसपी की तरफ से रिपोर्ट दाखिल की गई। इससे पहले उनकी तरफ से 13 फरवरी को रिपोर्ट दाखिल की गई थी। जस्टिस बनर्जी ने कहा कि वे तस्वीरों पर बहुत भरोसा नहीं करते हैं, पर एसपी की तरफ से दाखिल रिपोर्ट से ही यह अहसास होता है कि अभी तक सारे अवैध निर्माण नहीं हटाए गए हैं। जस्टिस बनर्जी ने कहा कि बेंच इस स्थिति को बेहद गंभीरता से ले रहा है। जस्टिस बनर्जी ने कहा कि कोर्ट के आदेश का मतलब होता है कि इस पर अमल किया जाए और इसका अनुपालन किया जाए। जस्टिस बनर्जी ने कहा कि बेंच अनुभव कर रहा है कि इस मामले में एसपी सहित सारे प्रतिवादी आदेश का पूरी तरह अनुपालन करने के बजाए टालमटोल कर रहे हैं। जस्टिस बनर्जी ने कहा कि किसी भी अवैध निर्माण को एक दिन के लिए भी बने रहने का हक नहीं है। इस देश में अभी भी कानून का शासन बना हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर आदेश का अनुपालन नहीं होता है तो एसपी और चेयरमैन व वाइस चेयरमैन को कोर्ट को बताना पड़ेगा कि आदेश का अनुपालन क्यों नहीं हुआ। फिर चेतावनी देते हुए कहा कि कोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। यहां गौरतलब है कि चेयरमैन की तरफ से इस बाबत पहले दाखिल एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सभी राजनीतिक दल अवैध निर्माण करने वालों के पक्ष में है। अगर अधिक दबाव डाला जाएगा तो परिस्थिति गंभीर हो सकती है।


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