हाई कोर्ट ने मांगा डीजीपी और गृह सचिव से जवाब

बताना पड़ेगा कि रैली व सभा की अनुमति के लिए क्या है मानक
हाई कोर्ट ने मांगा डीजीपी और गृह सचिव से जवाब
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कौन से दस्तावेज और सूचनाएं चाहिए

एकएसआई के लिए महंगी साबित हुई अतिसक्रियता

खड़ा होना पड़ा कटघरे में देने को जवाब

जितेंद्र, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : हाई कोर्ट के जस्टिस कृष्णा राव ने डीजीपी और गृह सचिव से एफिडेविट के साथ जवाब मांगा है। उन्हें बताना पडे़गा कि कि रैली और सभा की अनुमति देने के लिए कौन सी सूचनाएं देनी पड़ती हैं। कौन से दस्तावेज जमा करना पड़ता है। एक एसआई की अतिसक्रियता के कारण यह मामला इस मुकाम तक पहुंच गया। जस्टिस राव ने इस मुद्दे पर सख्त नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा कि एक माह के अंदर उन्हें इस तरह के पांच मामलों में आर्डर देना पड़ा है। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि इस मामले में कोई गाइड लाइन नहीं है। जस्टिस राव ने एसआई को कोर्ट में सोमवार को तलब किया था। उसे कटघरे में खड़ा करा कर पूछताछ भी की। हासनाबाद थाना क्षेत्र में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक रैली व सभा होनी थी। जस्टिस राव ने थाने को आदेश दिया था कि पीटिशनर के आवेदन को एसडीओ के पास भेज दिया जाए। एसआई ने आवेदन तो एसडीओं के पास भेजा ही नहीं, बल्कि पीटिशनर से कई सवालों का जवाब तलब कर लिया। जब जस्टिस राव के समक्ष इसका खुलासा हुआ तो उन्होंने एसआई को तलब कर लिया था। एसआई ने इस सभा के लिए जेनरेटर सेट देने वाले का नाम और मोबाइल नंबर बताने का आदेश दिया था। जस्टिस राव ने एसआई को कटघरे में खड़ा कर के सवाल किया कि कितने मामलों में इस तरह की सूचना मांगते हैं। इसके बाद ही उन्होंने सरकारी एडवोकेट की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि अपनी पुलिस से कह दीजिए कि हमें पाठ नहीं पढ़ाए। इसके साथ ही उन्होंने एसआई को जम कर फटकार लगायी। एसआई को एफिडेविट के साथ जवाब देना पड़ेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार को भी एस बाबत एफिडेविट दाखिल करना पड़ेगा। क्या निजी जमीन पर की जाने वाली सभा के लिए पुलिस की अनुमति चाहिए इस सवाल पर फैसला 22 जनवरी को होगा।

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