

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : हाई कोर्ट की जस्टिस शुभ्रा घोष ने बेलियाघाटा थाने की एसआई रत्ना सरकार की जमानत याचिका को शुक्रवार को रिलीज कर दिया। इस मामले में उनकी तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट के रवैये पर सख्त नाराजगी जताते हुए यह आदेश दिया। रत्ना सरकार को सीबीआई कोर्ट ने अभिजीत सरकार हत्याकांड के मामले मेंं जेेेेेेेेेेेेेेेल हिरासत में भेजे जाने का आदेश दिया है।
इस मामले में रत्ना सरकार के साथ ही बेलियाघाटा थाने के होमगार्ड दीपंकर देवनाथ की तरफ से भी जमानत याचिका दायर की गई है। उसे भी सीबीआई कोर्ट ने इसी मामले में जेल हिरासत में भेज दिया है। जस्टिस घोष ने कहा कि वे सोमवार से सर्किट बेंच में रहेंगी इसलिए देवनाथ की जमानत याचिका पर 15 दिनों बाद सुनवायी होगी। पीटिशनरों की तरफ से सीनियर एडवोकेट कल्याण बनर्जी ने पैरवी की। इस मौके पर जस्टिस घोष ने कहा कि वे सोमवार से सर्किट बेंच में होंगी इसलिए बाकी हिस्से की सुनवायी उनके आने के बाद होगी। जस्टिस घोष ने कहा कि इस मामले के बहुत से कानूनी पहलू हैं जिनपर विचार किया जाना है। एडवोकेट बनर्जी ने इस मामले की शुक्रवार को ही सुनवायी करके आदेश देने की अपील की तो जस्टिस घोष ने इनकार कर दिया। इस पर एडवोकेट बनर्जी ने एक पूर्व जज का हवाला देते हुए कहा कि वे भी इसी तरह का आचरण करते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें जजों की कृपा पर निर्भर करना पड़ता है। इसके बाद ही जस्टिस घोष नाराज हो गई और कहा कि कोर्ट उनका लेक्चर सुनने को तैयार नहीं है। इसके बाद ही मामले को रिलीज कर दिया। अब यह मामला चीफ जस्टिस के पास जाएगा और वे इसे किसी दूसरे बेंच को एसाइन करेंगे। इसके बाद उस बेंच में सुनवायी होगी।