

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : घर में बंद कालीघाट के काकू उर्फ सुजय कृष्ण भद्र ने खुली हवा में जाने देने की अनुमति देने की अपील हाई कोर्ट से की है। जस्टिस शुभ्रा घोष ने बुधवार को उनकी अपील पर सुनवायी करते हुए सवाल किया कि वे तो जेल में नहीं अपने घर में हैं। उनके एडवोकेट की दलील थी कि बंद घर में रहते हुए पांच माह बीत चुके है। ज्यादा दूर नहीं कम से कम सीबीआई कोर्ट के न्यायिक अधिकार क्षेत्र में ही आने जाने की अनुमति दी जाए। जस्टिस घोष ने यह अपील खारिज करते हुए कहा कि 21 अगस्त को नियमित जमानत की मेरिट पर सुनवायी की जाएगाी।
यहां गौरतलब है कि काकू को नियुक्ति घोटाले के मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। हालांकि उन्हें ईडी के इसी मामले में जमानत मिल चुकी है। जस्टिस घोष ने उन्हें सीबीआई के मामले में इलाज के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही बहुत ही कठिन शर्तें भी लगा दी थी। मसलन उनके घर पर सीआईरपीएफ का पहरा होगा। वे घर के बाहर किसी से मिल नही पाएंगे। इसके साथ ही कोर्ट में जाने के अलावा घर से बाहर नहीं निकल पाएंगे। उनकी तरफ से पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट मिलन मुखर्जी की दलील थी कि इस पांच माह के गृहबंदी के दौरान सीबीआई के अफसर एक बार भी उनके घर पर पूछताछ के लिए नहीं आए हैं। यानी सीबीआई की जांच पूरी हो चुकी है। उनका आवास बेहला में है। सीबीआई की तरफ से पैरवी कर रहे डीएसजी एडवोकेट धीरज त्रिवेदी की दलील थी कि अगर यह छूट दी जाती है तो जांच प्रभावित होगी। एडवोकेट मुखर्जी ने कहा कि तो फिर मेरिट पर नियमित जमानत की सुनवायी की जाए। इसके बाद ही जस्टिस घोष ने 21 अगस्त की तारीख तय कर दी।