

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : हाई कोर्ट के जस्टिस तीर्थंकर घोष ने आदेश दिया है कि मालदह के 14 वर्षीय बच्चे के शव का दोबारा पोस्टमार्टम किया जाए। परिवार के लोगों ने पिछले 15 दिनों से उसके शव को बर्फ की सिल्लियों पर सहेज कर रखा है। उन्हें इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश का इंतजार था। उन्हें न तो पुलिस की जांच पर भरोसा है और न ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर। इसी लिए नये सिरे से पोस्टमार्टम और किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराये जाने का आदेेश देने की अपील की है।
मृत बच्चा मालदह के एक अंग्रेजी स्कूल का छात्र था। परिवार वालों का आरोप है कि उसकी पिटायी करने के बाद उसके शव को फंदे से लटका दिया गया था। इस मामले में स्कूल के हेडमास्टर के खिलाफ आरोप लगाया गया है। वह अभी तक फरार है और पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पायी है। इस मामले में एम्स की तरफ से कहा गया कि वे फोरेंसिक एक्सपर्ट को मालदह नहीं भेज सकते हैं। वहां इस बाबत बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं है। इसलिए शव को कल्याणी एम्स में लाना पड़ेगा। शव को ले आने का खर्च परिवार के लोग ही उठाएंगे। जस्टिस घोष ने आदेश दिया है कि मानिकचक थाने एसआई शव को परिवार के साथ कल्याणी एम्स ले आएंगे। पोस्टमार्टम के समय इस मामले के आईओ और परिवार के लोग वहां उपस्थित नहीं रह पाएंगे। इसकी वीडियोग्राफी करनी पड़ेगी। अगर दूसरे पोस्टमार्टम और पहले पोस्टमार्टम में फर्क पाया जाता है तो इसकी जानकारी आईओ को दी जाएगी। जस्टिस घोष ने आदेश दिया है कि इसके बाद परिवार के लोग किसी अन्य एजेंसी से जांच और अन्य मुद्दों पर कोर्ट में आवेदन कर सकते हैं।