

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कक्षा नौ से लेकर 12 तक केेेेेेेेेे टीचरों की नियुक्ति के मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस सौमेन सेन के डिविजन बेंच में एक अपील दायर की गई है। जस्टिस सेन ने लीव देते हुए कहा कि इसकी बुधवार को सुनवायी की जाएगी। इसमें जस्टिस सौगत भट्टाचार्या के फैसले के एक हिस्से को चुनौती दी गई है। बोर्ड ने टीचिंग अनुभव के नाम पर दस नंबर देने का फैसला लिया है। इसे चुनौती दी गई है।
इसके साथ ही इस बाबत बनाए गए 2025 रूल्स को भी चुनौती दी गई है। जस्टिस सौगत भट्टाचार्या ने सोमवार को सुनाए गए अपने फैसले में इन दोनों मुद्दों को नीतिगत फैसला करार देते हुए इनमें दखल देने से इनकार कर दिया था। एडवोकेट फिरदौश शमीम ने बताया कि दस नंबर अतिरिक्त दिए जाने से परीक्षा में हिस्सा लेने वाले एक ग्रुप को बढ़त मिल जाएगी। इस परीक्षा में वे लोग भी हिस्सा लेंगे जो 2016 के एसएलएसटी में असफल रह गए थे। उन्हें इस तरह का कोई ग्रेस मार्क नहीं मिलेगा। इस तरह परीक्षा में हिस्सा लेने वाले दो समूहों के बीच भेदभाव किया जा रहा है। इसके साथ ही 2025 के रूल्स को भी चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया को खारिज करते हुए नये सिरे से नियुक्ति परीक्षा ली जाने का आदेश दिया था। इस लिए सरकार 2025 के रूल्स के तहत लिखित परीक्षा का आयोजन नहीं कर सकती है। एडवोकेट गोपा विश्वास ने बताया कि इस नये रूल्स में अंकों के वितरण की प्रणाली को भी बदल दिया गया है। मसलन 2016 में अकादमिक क्वेलिफिकेशन के लिए 35 नंबर दिए जाने का प्रावधान था, जबकि नये रूल्स में इसे 10 कर दिया गया है। इसमें दावा किया गया है कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। इसके साथ ही दावा किया गया है कि 2016 में जितने पद खाली थे उन्हीं पदों के लिए लिखित परीक्षा ली जाए। जिन नये पदों का सृजन किया गया है उनके लिए अलग से परीक्षा ली जाए। बुधवार को डिविजन बेंच इस बाबत अपना फैसला सुनाएगा।
बोर्ड और राज्य ने भी दायर की अपील
नियुक्ति परीक्षा के सिलसिले में राज्य सरकार और बोर्ड की तरफ से भी जस्टिस सौगत भट्टाचार्या के फैसले के खिलाफ अपील दायर की गई है। जस्टिस सौमेन सेन के डिविजन बेंच में बुधवार को इसकी सुनवायी होगी। जस्टिस भट्टाचार्या ने आदेश दिया है कि दागी टीचर इस लिखित परीक्षा में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। राज्य सरकार की दलील थी कि इस परीक्षा में सभी हिस्सा ले सकते हैं। जस्टिस भट्टाचार्या ने इस दलील को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ राज्य और बोर्ड की तरफ से अपील की गई है।