
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ला मार्टिनियर गर्ल्स स्कूल में एक नयी बिल्डिंग का निर्माण कराया जाना है। स्कूल इसकी अनुमति पाने के लिए पिछले दस साल से इंतजार कर रहा है। इस बाबत दायर रिट पर वृहस्पतिवार को सुनवायी के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस गौरांग कांथ ने नियम के अनुसार कार्रवाई करने का आदेश कोलकाता नगरनिगम को दिया है। इसके साथ ही एक टाइम फ्रेम के अंदर इसे पूरा करना पड़ेगा। जस्टिस कांथ ने हैरानी जताते हुए केएमसी से सवाल किया कि पिछले दस साल से क्या कर रहे थें।
ला मार्टिनियर के एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि इसके लिए 2015 में 28 मई को आवेदन किया गया था। कोई असर नहीं होने के बाद तत्कालीन मेयर से 2018 में इस बाबत अपील की गई। यहां गौरतलब है कि यह हेरिटेज बिल्डिंग है इसलिए स्कूल का आवेदन हेरिटेज कंजर्वेसन कमिशन को भेज दिया गया। इस दौरान इंतजार करते हुए कई साल गुजर गए। एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि उनकी जानकारी के मुताबिक हेरिटेज कंजर्वेशन से इसकी अनुमति मिल गई थी, पर वे कोई कागज नहीं पेश कर पाए क्योंकि इस बाबत कोई लिखित अनुमति नहीं मिली थी। इसके बाद मिली जानकारी के मुताबिक अधिशासी अभियंता ने इसे बिल्डिंग विभाग के डीजी के पास भेज दिया था। अब यह फाइल वहीं लटकी पड़ी है और केएमसी कोई फैसला नहीं ले पाया है। केएमसी के एडवोकेट आलोक कुमार घोष ने कोर्ट को बताया कि शहरी भूमि विकास विभाग से इस बाबत अभी तक अनुमति नहीं मिल पायी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह सवाल भी तय किया जाना है कि क्या स्कूल को निर्माण कार्य कराने का अधिकार है। इसके लिए संपत्ति के मालिकाना हक से जुड़े कागजात पेश करना पड़ेगा। स्कूल के एडवोकेट की दलील थी कि इस स्कूल की बिल्डिंग का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था इसलिए इसके बाबत निर्देश लेना पड़ेगा। जस्टिस कांथ ने आदेश दिया है कि इसकी अगली सुनवायी तीन जुलाई को होगी।