व्यावसायिक रंजिश में सरेआम गोलीबारी

' वन्यजीव' की तस्करी के विवाद में युवक को मारने की कोशिश !
Gunfire erupted in public due to a business rivalry.
सांकेतिक फोटो REP
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

नदिया: पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के चापड़ा थाना क्षेत्र में गुरुवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक व्यावसायिक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया और सरेआम गोलियां चल गईं। इस हमले में नूर यासीन मंडल नामक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया है। घटना के बाद इलाके में भारी तनाव है और पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में इस पूरी वारदात के तार 'तक्षक' (एक दुर्लभ और बहुमूल्य छিপकली) के अंतरराष्ट्रीय अवैध कारोबार से जुड़े होने की बात सामने आ रही है।

क्या है पूरी घटना?

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, घायल युवक नूर यासीन मंडल तेहट्ट के कनाईनगर इलाके का निवासी है। आरोप है कि वह अपने कुछ साथियों के साथ चापड़ा के हांटरा इलाके में बकाया पैसों की वसूली के लिए गया था। वहां उसकी मुलाकात स्थानीय निवासी औरंगजेब शेख से हुई। बताया जा रहा है कि नूर के एक करीबी दोस्त और औरंगजेब के बीच लंबे समय से पैसों का लेनदेन लंबित था। बातचीत के दौरान ही दोनों पक्षों में तीखी बहस शुरू हो गई, जो देखते ही देखते हाथापाई और फिर जानलेवा हमले में बदल गई।

दो राउंड फायरिंग से दहला इलाका

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बहस के दौरान औरंगजेब शेख ने अचानक आपा खो दिया और घर से बंदूक निकालकर नूर यासीन पर निशाना साधते हुए दो राउंड फायरिंग कर दी। गोलियों की आवाज से पूरा बाजार इलाका दहल उठा। खुशकिस्मती रही कि गोली नूर के शरीर के घातक हिस्से में न लगकर उसके बाएं हाथ को छूते हुए निकल गई। लहूलुहान अवस्था में नूर ने वहां से भागकर अपनी जान बचाने की कोशिश की, लेकिन काफी खून बह जाने के कारण वह कुछ ही दूरी पर जाकर सड़क पर गिर पड़ा।

अस्पताल में भर्ती और पुलिस की कार्रवाई

स्थानीय ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए घायल नूर को उठाया और तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। घटना की सूचना मिलते ही चापड़ा थाना पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने वारदात वाली जगह से सबूत इकट्ठा किए हैं। आरोपी औरंगजेब शेख घटना के बाद से ही फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

तक्षक तस्करी का संदिग्ध कोण

इस मामले ने तब सनसनी मचा दी जब पुलिस को पता चला कि विवाद की असल जड़ 'तक्षक' की खरीद-बिक्री है। तक्षक एक संरक्षित और दुर्लभ वन्य जीव है, जिसकी तस्करी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में करोड़ों रुपये में होती है। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि क्या घायल और हमलावर दोनों किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय तस्करी गिरोह का हिस्सा हैं। वन्य जीवों के अवैध व्यापार और बकाया पैसों को लेकर हुई इस हिंसा ने सीमावर्ती जिलों में सक्रिय संगठित अपराधों की ओर भी इशारा किया है।

पुलिस का कहना है कि वे सभी संभावित कोणों से मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही आरोपी को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।

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