

सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : मुख्य सचिव, अंडमान और निकोबार प्रशासन के निर्देशानुसार, तिमाही मॉक ड्रिल और जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान आपदा प्रबंधन निदेशालय (डीडीएम), अंडमान और निकोबार प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं, पुलिस, बिजली विभाग, एपीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन के साथ समन्वय में दक्षिण अंडमान के सिप्पीघाट ग्राम पंचायत के सामुदायिक हॉल में कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में सामुदायिक स्वयंसेवकों, ग्राम पंचायत कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वयं सहायता समूह के सदस्यों और मनरेगा कर्मचारियों को जागरूक किया गया। प्रधान, जिला परिषद सदस्य, सरपंच, पूर्व जिला परिषद सदस्य और संबंधित ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्य कार्यक्रम में उपस्थित थे। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्राम पंचायत स्तर पर आपदा की स्थिति में तैयारियों को बढ़ाना और आपदाओं के दौरान सामुदायिक स्वयंसेवकों को पहले प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में प्रशिक्षित करना था। डीडीएम के सहायक निदेशक जनिक राम ने प्राकृतिक आपदाओं के प्रति क्षेत्र की संवेदनशीलता पर प्रकाश डाला तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में आपदा प्रभावों को कम करने के लिए सामुदायिक स्तर पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण के महत्व पर बल दिया। तकनीकी सत्र के दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने खोज एवं बचाव (एसएआर) तथा मेडिकल फर्स्ट रिस्पॉन्डर (एमएफआर) तकनीकों सहित बुनियादी जीवन रक्षक प्रशिक्षण दिया। अग्निशमन सेवा के एक निरीक्षक ने घरेलू आग और विद्युत सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तार से बताया। विद्युत विभाग के अधिकारियों ने प्रतिभागियों से विद्युत उपकरणों का सुरक्षित उपयोग करने तथा बिजली बचाने का आग्रह किया। सिप्पीघाट ग्राम पंचायत के पंचायत सचिव ने अपने धन्यवाद ज्ञापन किया।