सायरनों पर नज़र, आपातकालीन तैयारियों में ढिलाई नहीं चाहता है राज्य

सभी खराब पड़े सायरनों की मरम्मत के आदेश दिए गए हैं
Siren of Bengal
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कोलकाता : भारत-पाकिस्तान के बीच 'सीजफायर' की घोषणा हो चुकी है लेकिन केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को जो दिशा-निर्देश पहले दिए गए थे, उनके बारे में कोई नई सूचना अभी तक राज्यों को नहीं दी गई है। इस स्थिति में बंगाल सरकार किसी भी तरह की तैयारी में कोई कमी नहीं रखना चाहती। खासकर आपातकालीन व्यवस्थाओं से जुड़े जो निर्देश पिछले कुछ दिनों से लागू हैं, उन्हें अभी बंद करने के मूड में नहीं है राज्य सरकार। नवान्न सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में राज्य प्रशासन 1971 के युद्ध के दौरान अंतिम बार उपयोग में आए सायरनों को फिर से सक्रिय करने की दिशा में तत्पर हो गया है।

तैयारियों में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी

सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान में कोलकाता शहर में ऐसे 95 सायरन हैं। जांच में यह सामने आया है कि इनमें से कुछ ही सायरन इस समय काम कर रहे हैं। जिलों में यह संख्या थोड़ी ज्यादा हो सकती है, लेकिन पूरी तरह आश्वस्त नहीं हुआ जा सकता। गौरतलब है कि 7 तारीख से मॉक ड्रिल की जो तैयारियां शुरू हुई थीं, उन्हें जारी रखते हुए एक महीने के भीतर राज्य के सभी खराब पड़े सायरनों की मरम्मत के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से साफ निर्देश है कि तैयारियों में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अस्पतालों और अन्य व्यवस्था को लेकर भी पूर्व निर्धारित योजनाओं के अनुसार कार्य चल रहा है। हालांकि प्रशासन के एक सूत्र का कहना है कि 7 तारीख से अब तक जिस गति से राज्य सरकार सायरनों सहित पूरे ढांचे को तैयार करने में लगी है, उसे देखते हुए अगले कुछ दिनों में पूरी तैयारी पूरी हो जाएगी।

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