

नई दिल्ली : पीयूष गोयल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 25% आयात शुल्क (टैरिफ) को लेकर विस्तृत बयान दिया। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच चार दौर की द्विपक्षीय बैठकें हुईं। समझौते को अंतिम रूप देने के लिए कई अहम बैठकें हुईं। आयात पर 10 से 15 फीसदी टैरिफ की बात थी। द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बात हुई थी।
लोकसभा में गुरुवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 25% आयात शुल्क (टैरिफ) को लेकर विस्तृत बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और घरेलू उद्योगों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच चार दौर की द्विपक्षीय बैठकें हुईं। समझौते को अंतिम रूप देने के लिए कई अहम बैठकें हुईं। हम अपने घरेलू उद्योगों की सुरक्षा करेंगे। देशहित में जरूरी हर कदम उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि दुनिया के विकास में भारत का योगदान 16 फीसदी है और हम पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं। अमेरिका के इस कदम से होने वाले असर का आकलन किया जा रहा है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य पर अग्रसर है। उन्होंने कहा, "सरकार उद्योगपतियों से बात कर रही है। हम देश को सुरक्षित रखने के लिए सारे कदम उठाएंगे। हम कुछ ही वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। हमारे निर्यात में बढ़ौतरी हुई है। हम किसानों के लिए कार्य कर रहे हैं। सरकार को विश्वास है कि हम 2047 तक विकसित देश बन जाएंगे।
उन्होंने संसद में कहा कि भारत आज भी वैश्विक अर्थव्यवस्था का ‘ब्राइट स्पॉट’ है। सरकार किसानों, MSMEs और उद्यमियों के हितों की पूरी तरह से रक्षा करेगी। हम हर जरूरी कदम उठाएंगे ताकि देश के व्यापारिक हितों को कोई नुकसान न हो। भारत ने UAE और ऑस्ट्रेलिया के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स किए हैं, जिससे निर्यात को नई गति मिली है। भारत वैश्विक व्यापार में मजबूती से खड़ा रहेगा, और सरकार देशहित में हर चुनौती का सामना करेगी।
टैरिफ के जवाब में पलटवार नहीं करेगा भारत: सूत्र
सरकारी सूत्रों का कहना है कि फिलहाल भारत अमेरिका के 25 इस टैरिफ के जवाब में कोई पलटवार नहीं करेगा। सूत्रों ने बताया कि सरकार इससे घबराई नहीं है। इस पर जो भी प्रतिक्रिया होगी वह शांति से, रणनीति के तहत और केवल बातचीत के जरिए ही होगी।