गोधराकांड : 9 रेलवे पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी का फैसला बरकरार

पुलिसकर्मी लापरवाही नहीं बरतते तो गोधराकांड रोका जा सकता था : गुजरात हाईकोर्ट
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अहमदाबाद : गुजरात उच्च न्यायालय ने गुजरात में गोधरा त्रासदी के 23 साल बाद, साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में गश्त में लापरवाही के लिए नौ रेलवे पुलिस कर्मियों को नौकरी से हटाने का फैसले बरकरार रखा है। उच्च न्यायालय ने पुलिसकर्मियों की याचिका खारिज करते हुए कहा कि यदि वे साबरमती ट्रेन से अहमदाबाद गये होते तो गोधरा त्रासदी को टाला जा सकता था।

याची पुलिसकर्मियों ने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरती

न्यायमूर्ति वैभवी नानावटी के पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याची पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति घोर लापरवाही बरती। याची उस समय रेलवे पुलिस में कार्यरत थे। इन्हें 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस में गश्त की जिम्मेदारी दी गयी थी लेकिन चूंकि वे ट्रेन चूक गये थे, इसलिए वे दूसरी ट्रेन से अहमदाबाद जल्दी पहुंच गये। इस दिन गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गयी थी, जिससे अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों सहित 58 यात्रियों की मौत हो गयी। इस घटना के बाद पूरे गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे और दो महीने तक जारी रहे।

1 मार्च, 2002 को निलंबित हुए थे पुलिसकर्मी

ड्यूटी में लापरवाही के कारण 9 पुलिसकर्मियों को 1 मार्च, 2002 को निलंबित कर दिया गया था। जिसके बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच की गयी और नवंबर, 2005 में उन्हें बर्खास्त दिया गया। उन्होंने इसके खिलाफ अपील की लेकिन सुनवाई अदालत ने अपील खारिज कर दी। इस पर इन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका लगायी थी। याचिका लगाने वाले इन पुलिसकर्मियों - गुलाबसिंह झाला, खुमानसिंह राठौड़, नाथाभाई डाभी, विनोदभाई बिजलभाई, जबीरहुसैन शेख, रसिकभाई परमार, किशोरभाई परमार, किशोरभाई पाटनी और पुनाभाई बारिया की ड्यूटी साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में थी।

रजिस्टर में फर्जी एंट्री भी की

सुनवाई के दौरान याची पुलिसकर्मियों की ओर से दलील दी गयी कि उनकी ड्यूटी कालूपुर और दाहोद रेलवे स्टेशन के बीच गश्त करने की थी। वे राजकोट-भोपाल एक्सप्रेस से दाहोद पहुंचे थे और दाहोद से अहमदाबाद के लिए साबरमती एक्सप्रेस में सवार होने वाले थे लेकिन साबरमती एक्सप्रेस के देरी से आने के कारण वे शांति एक्सप्रेस में सवार होकर अहमदाबाद पहुंच गये। अहमदाबाद पहुंचने पर उन्हें पता चला कि साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लग गयी है। ड्यूटी के दौरान मोबाइल पुलिस के लिए वैकल्पिक ट्रेनें लेना आम बात है। पीठ ने 110 पेज के फैसले में याचिका खारिज करते हुए कहा कि याची शांति एक्सप्रेस से अहमदाबाद आये थे और उन्होंने रजिस्टर में फर्जी एंट्री की थी।

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