

कोलकाताः दक्षिण अफ्रीका के हाथों टेस्ट सीरीज 0-2 से गंवाने के बाद और गुवाहाटी में शर्मनाक हार के बाद अगर भारतीय क्रिकेट टीम में सबसे ज्यादा किसी की आलोचना हुई है तो वह हैं मुख्य कोच गौतम गंभीर। न सिर्फ सोशल मीडिया पर बल्कि पूर्व क्रिकेटरों से लेकर पत्रकारों ने भारत की ऐतिहासिक हार के लिए गौतम गंभीर की रणनीति पर गंभीर सवाल उठाये हैं।
गंभीर पर अभी कोई बड़ा फैसला नहीं
गौतम गंभीर के रहते भारत न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका से घरेलू सीरीज बुरी तरह हारा है, इससे लोगों का धैर्य जवाब दे रहा है और वे गंभीर को मुख्य कोच से हटाने की मांग तेज कर रहे हैं। लेकिन लगता है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई गंभीर को लेकर कोई बड़ा फैसला नहीं करना चाहता है, बल्कि वह मुख्य कोच के रूप में गंभीर को और मौका देना चाहता है। बीसीसीआई सूत्रों के हवाले से मीडिया में ऐसी खबरें आयी हैं कि गंभीर को कम से कम अगले साल भारत-श्रीलंका में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप से पहले नहीं हटाया जाएगा।
सीरीज के बाद गंभीर से होगा सवाल
एनडीटीवी से बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि अभी हम गंभीर को हटाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। उन्होंने एक टीम अपने मुताबिक तैयार की है। 2027 तक उनके साथ करार है। दक्षिण अफ्रीका के साथ एकदिवसीय सीरीज के बाद गंभीर और चयनकर्ताओं के साथ बोर्ड पदाधिकारियों की बैठक होगी। उस समय गंभीर से सारे सवाल किये जाएंगे। उनकी ट्रांजिशन रणनीति पर चर्चा होगी।
बीसीसीआई की गंभीर की ट्रांजिशन रणनीति पर नजर
बीसीसीआई मुख्य कोच गौतम गंभीर के ट्रांजिशन फैक्टर पर गंभीरता से नजर बनाये हुए है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि बोर्ड के सदस्य इस बात पर एकमत हैं कि जल्दीबाजी में गौतम गंभीर को कोच पद से नहीं हटाना चाहिए। टीम अभी ट्रांजिशन पीरियड में हैं। विश्व कप सामने है। इसके अलावा गंभीर के साथ 2027 तक के लिए करार है। इसलिए अभी गंभीर के भविष्य को लेकर कोई फैसला करना उचित नहीं है।
गंभीर करेंगे बीसीसीआई के फैसले का सम्मान
बहरहाल बीसीसीआई जो भी फैसला लेगा वह जल्द ही सामने आ जाएगा। बुधवार को गुवाहाटी में हार के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा था कि उनके बारे में बीसीसीआई फैसला लेगा। मैंने पहले भी कहा है और अब भी कहता हूं कि भारतीय क्रिकेट महत्वपूर्ण है, मैं नहीं। गंभीर ने इस दौरान यह भी कहा था कि यह याद रखना चाहिए कि उनके कोच रहते है ही इंग्लैंड में भारत को सफलता मिली थी। चैंपियनशिप ट्रॉफी और एशिया कप भारत ने जीते थे।