

रायपुरः सीमित ओवरों के क्रिकेट में विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अपने पहले मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए लेकिन दूसरे मैच में उन्होंने शतक लगाया और उसके बाद कहा कि उन्हें अपनी नयी भूमिका से सामंजस्य बिठाने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई। गायकवाड़ ने कहा कि टीम प्रबंधन ने उन पर भरोसा जताया जो उनके लिए सम्मान की बात है।
भारत के लिए वनडे में श्रेयस अय्यर ने चौथे नंबर पर अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन मुंबई के इस बल्लेबाज के चोटिल होने के कारण टीम प्रबंधन ने गायकवाड़ को यह जिम्मेदारी सौंपी और उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे वनडे में शतक जड़कर यह भूमिका अच्छी तरह से निभाई। भारत इस मैच में हालांकि चार विकेट से हार गया था।
45वें ओवर तक बल्लेबाजी करने का प्रयास
गायकवाड़ ने मैच के बाद मीडिया से कहा, ‘‘मेरे लिए यह सम्मान की बात है की टीम प्रबंधन ने एक ऐसे सलामी बल्लेबाज पर भरोसा दिखाया जो चौथे नंबर पर भी बल्लेबाजी कर सकता है। मैंने अपनी इस भूमिका को इसी तरह से लिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल शुरुआती 10 से 15 गेंद खेलने का मामला होता है और उसके बाद प्रक्रिया समान रहती है।’’ दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 83 गेंदों पर 105 रन की पारी खेली और विराट कोहली (102) के साथ तीसरे विकेट के लिए 195 रन की साझेदारी की, जिससे भारत ने पांच विकेट पर 358 रन बनाए।
गायकवाड़ ने कहा, ‘‘एकदिवसीय प्रारूप में जब मैं पारी की शुरुआत करता था तब भी मैं हमेशा यह सुनिश्चित करने की कोशिश करता था कि मैं 45वें ओवर तक बल्लेबाजी कर सकूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि 11 से 40 ओवरों के बीच कैसे खेलना है, स्ट्राइक रोटेट कैसे करनी है और बाउंड्री के विकल्प क्या हैं। मुझे अपनी पारी आगे बढ़ाने के लिए खुद पर पूरा भरोसा था।’’
अतीत पर ध्यान नहीं
गायकवाड़ चोटिल होने के कारण इस साल आईपीएल के सभी मैच में नहीं खेल पाए थे और उन्हें काफी समय तक बाहर रहना पड़ा था। उन्होंने कहा कि वह अतीत पर ध्यान नहीं देते और वर्तमान में रहने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यही बेहतर होता है कि आप इस तरह की चीजों के बारे में अधिक नहीं सोचें क्योंकि अगर आप वर्तमान में नहीं हैं तो आपका ध्यान और तैयारी पर असर पड़ता है। मेरे दिमाग में कुछ चीजें चल रही थीं, लेकिन उसके बाद मैंने तय किया कि चाहे किसी भी प्रारूप का मैच हो मैं अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा।’’
रायपुर की पारी उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी
गायकवाड़ ने कहा, ‘‘अगर मुझे मौका मिलता है, तो यह अच्छी बात है, अगर मुझे मौका नहीं मिलता है, तब भी ठीक है। मुझे यह बात अच्छी तरह से पता है कि जितना हो सके रन बनाते रहना मेरा कर्तव्य है और अगर चीजें फिर से मेरे अनुकूल होती हैं तो यह अच्छी बात है और अगर नहीं होती हैं, तब भी अच्छी बात है।’’
गायकवाड़ ने स्वीकार किया कि 12 चौकों और दो छक्कों की मदद से खेली गई 105 रन की पारी उनके करियर की अब तक की सर्वश्रेष्ठ पारी है।