नयी दिल्ली : विश्व बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भले ही भारत में अत्यधिक गरीबी में कमी आने का दावा किया हो लेकिन केंद्र की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) से जुड़े आंकड़े एक भिन्न तस्वीर प्रस्तुत कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार पिछले चार वर्षों में इस योजना के तहत मुफ्त राशन प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की संख्या में 1.17 करोड़ से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है।
जनवरी 2023 में शुरू हुई थी पीएमजीकेएवाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2023 में पीएमजीकेएवाई को देश के अत्यंत गरीब और कमजोर वर्गों के लिए शुरू किया था। इस योजना के तहत देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को हर महीने पांच किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च 2021 तक इस योजना के तहत 79,32,80000 लाभार्थी पंजीकृत थे जबकि 31 मार्च ,2024 तक यह संख्या बढ़कर 80,49,94000 हो गयी। इस प्रकार चार वर्षों में लाभार्थियों की संख्या में 1,17,14000 की बढ़ोतरी हुई है।
एमपी, यूपी, गुजरात में बढ़े मुफ्त राशन लाभार्थी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिन राज्यों में लाभार्थियों की संख्या में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गयी है उनमें मध्य प्रदेश (64.32 लाख), उत्तर प्रदेश (39.25 लाख), गुजरात (9.89 लाख), ओडिशा (1.65 लाख) और मणिपुर (1.48 लाख) शामिल हैं। इसके विपरीत महाराष्ट्र सहित 21 राज्यों में लाभार्थियों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है। महाराष्ट्र में व2021 और 2024 में लाभार्थियों की संख्या समान रूप से 7.17 करोड़ बनी रही।
पंजाब, तमिलनाडु, त्रिपुरा और दमन एवं दीव में कम हुए
वहीं पंजाब, तमिलनाडु, त्रिपुरा और दमन एवं दीव जैसे चार राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्र में इस संख्या में कमी आयी है। पीएमजीकेएवाई के तहत असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, सीमित या अनियमित मासिक आय वाले परिवारों, बेघर, निराश्रित और अत्यंत गरीब नागरिकों को हर महीने 5 किलो खाद्यान्न नि:शुल्क दिया जाता है। साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएतए) के अंतर्गत पात्र परिवारों को चावल, गेहूं और मोटा अनाज क्रमश: 3 रुपये, 2 रुपये और 1 रुपया प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया जाता है।
अब तक 18 .53 करोड़ से ज्यादा राशन कार्ड जारी
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पोर्टल के अनुसार अब तक 18 करोड़ 53 लाख 63 हजार 639 राशन कार्ड जारी किये जा चुके हैं, जिनमें से 7 करोड़ 34 लाख 69 हजार 260 अंत्योदय अन्न योजना कार्ड,3 करोड़ 8 लाख 78 हजार 380 प्राथमिक परिवार कार्ड हैं। विश्व बैंक के अनुसार 2011-12 में जहां देश की 27.1 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे थी, वहीं 2022-23 तक यह आंकड़ा घटकर 5.3 प्रतिशत रह गया। रिपोर्ट यह भी बताती है कि 2024 में लगभग 5.46 करोड़ भारतीय नागरिक प्रतिदिन 3 डॉलर या उससे अधिक खर्च करने की स्थिति में हैं।