
सन्मार्ग संवाददाता
कालचीनी : मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए बक्सा टाइगर रिजर्व वन विभाग की टीम भी कमर कसकर मैदान में उतर गयी है। इसको लेकर वन विभाग के द्वारा विभिन्न प्रकार की पहल की जा रही है। वन विभाग के अधिकारी खुद क्षेत्र में जाकर वन वासियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं, साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए क्या-क्या करना आवश्यक है, इसको लेकर चर्चा कर रहे हैं। इसी बीच अलीपुरदुआर जिले के कालचीनी ब्लॉक के पाना फॉरेस्ट बस्ती में पाना रेंज वन विभाग ने वन बस्ती वासियों को लेकर बैठक की। इस दौरान बक्सा टाइगर रिजर्व रेंज के पाना रेंज के संयुक्त वन सुरक्षा समिति के सभी सदस्यों से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया। बैठक में बक्सा टाइगर रिजर्व के एडीएफओ पल्लव मुखर्जी, पाना रेंज के रेंज ऑफिसर योजना थापा व अन्य अधिकारी मौजूद थे। मालूम हो कि इन दिनों उत्तर बंगाल के विभिन्न हिस्सों में खासकर जंगली हाथियों और अन्य वन्य प्राणियों का उत्पात काफी बढ़ गया है। पिछले कई महीनों में हाथी के आक्रमण से काफी लोगों की जानें चली गई हैं। हाल ही में हाथी के आक्रमण से अलीपुरदुआर जिले में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गयी थी। लगातार बढ़ रही ऐसी घटनाओं के बाद वन विभाग ने वन्यजीवों की आवाजाही पर नजर रखने और मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए कई पहल की है। इस दिन बैठक में वन विभाग के अधिकारियों ने गांव वासियों को समझाया कि गांव में हाथियों के प्रवेश होने पर कोई भी अपने घरों से बाहर न निकले, तुरंत इसकी जानकारी वन विभाग को दें, इसके लिए वन विभाग ने कई विशेष दस्ते तैनात किये हैं।
वन सुरक्षा समिति के सदस्यों ने यह कहा
इस संबंध में संयुक्त वन सुरक्षा समिति के सदस्यों ने बताया कि आज की बैठक में खासकर मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की गई और संयुक्त वन सुरक्षा समिति के सदस्यों द्वारा वन विभाग के अधिकारियों के समक्ष विभिन्न मांगें रखी गईं, जिसे पूरा करने का बक्सा टाइगर प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने आश्वासन भी दिया है।