

विरोध के बाद बढ़ी हलचल
केडी पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : फल्ता में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिफाइड रिवीजन (SIR) की जांच के दौरान चुनाव आयोग के ऑब्जर्वर सी. मुरुगन को घेरकर किए गए विरोध के बाद आयोग में हलचल बढ़ गई है। घटना के 24 घंटे के भीतर ऑब्जर्वर ने दिल्ली स्थित नेशनल इलेक्शन कमीशन को पत्र भेजकर अपनी सुरक्षा के लिए सेंट्रल फोर्स तैनात करने या मजिस्ट्रेट पावर देने की सिफारिश की है, ताकि पुलिस सीधे उनके निर्देशों का पालन कर सके।
फल्ता में महिलाओं ने किया था विरोध प्रदर्शन
गुरुवार को मुरुगन के नेतृत्व वाली टीम जब SIR की प्रगति का निरीक्षण कर रही थी, तभी तृणमूल कांग्रेस की महिला समर्थक बड़ी संख्या में पहुंचीं और आयोग व SIR प्रक्रिया के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध करने वालों ने 100 दिन की मजदूरी और हाउसिंग स्कीम की मांग भी उठाई। इस दौरान डेलीगेशन को घेरकर दिखाया गया आक्रोश सुरक्षा को लेकर नई चिंता का कारण बना।
ऑब्जर्वर के लिए अतिरिक्त सुरक्षा क्यों मांगी गयी?
राज्य में एक स्पेशल ऑब्जर्वर, तीन डिविजनल ऑब्जर्वर और 12 जिला स्तर के ऑब्जर्वर तैनात हैं। विरोध के बाद ऑब्जर्वर ने स्पष्ट कहा है कि फील्ड में काम करते समय सुरक्षा में किसी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए। चूंकि पुलिस सामान्यतः अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश मानती है, इसलिए ऑब्जर्वर को मजिस्ट्रेट पावर देने का प्रस्ताव भेजा गया ताकि सुरक्षा बल सीधे उनके निर्देशों का पालन करें।
ममता बनर्जी के बयान की भी जांच की मांग
CEO ऑफिस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हालिया सार्वजनिक बयान को लेकर सवाल उठाए हैं। एक सभा में महिलाओं को संबोधित करते हुए दिए गए बयान पर ऑब्जर्वर ने आपत्ति जतायी और आयोग से इसकी जांच की सिफारिश की है। आयोग यह देखेगा कि यह टिप्पणी चुनाव नियमों के अनुरूप थी या नहीं।
पृष्ठभूमि : SIR के दौरान क्या हो रहा था?
ऑब्जर्वर मुरुगन बूथ लेवल ऑफिसरों का काम देख रहे थे—कितने मृत मतदाता सूची में हैं, वरिष्ठ नागरिकों के नाम सही हैं या नहीं। इसी दौरान विरोध शुरू हुआ, जिसके कारण आयोग ने सुरक्षा व्यवस्था की नये सिरे से समीक्षा शुरू कर दी है।