तिरुवंनतपुरम : तकनीकी समस्या के कारण करीब एक महीने तक फंसे रहने के बाद ब्रिटिश रॉयल नेवी के लाइटनिंग लड़ाकू विमान एफ-35बी को रविवार को ब्रिटिश इंजीनियरों के आकलन के लिए एक हैंगर में ले जाया गया। इस विमान का आकलन और मरम्मत करने के लिए ब्रिटेन से एक इंजीनियरिंग टीम रविवार को ही केरल के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंची।
एमआरओ सुविधा की पेशकश स्वीकार की
विमान ने करीब एक महीने पहले हवाईअड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग की थी। ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने हवाईअड्डे पर इंजीनियरिंग टीम के आने की पुष्टि की। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन ने हवाईअड्डे की रखरखाव मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधा में एक स्थान की पेशकश स्वीकार कर ली है।
आवश्यक विशेष उपकरण लेकर आये हैं इंजीनियर
मानक प्रक्रिया के अनुरूप विमान को ब्रिटेन के इंजीनियरों के आने के बाद स्थानांतरित किया जायेगा, जो मरम्मत प्रक्रिया के लिए आवश्यक विशेष उपकरण लेकर आये हैं। इस बीच हवाईअड्डे के सूत्रों ने कहा कि लड़ाकू जेट को एमआरओ में ले जाया गया। ब्रिटिश उच्चायोग ने भारतीय अधिकारियों और हवाईअड्डे की टीमों के निरंतर समर्थन और सहयोग के लिए आभार जताते हुए कहा कि संबंधित अधिकारियों के साथ व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा की जा रही है। गौरतलब है कि 110 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य का और दुनिया के सबसे उन्नत लड़ाकू विमानों में से एक माना जाने वाला यह जेट गत 14 जून को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग कर चुका है। तब से यह तकनीकी खराबी आने के बाद मरम्मत के इंतजार में हवाईअड्डे पर ही खड़ा है।