

कृष्णानगर: बिधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र और भाजपा के खिलाफ हमला तेज कर दिया। गुरुवार को कृष्णानगर की सभा से उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री, भाजपा और चुनाव आयोग—तीनों पर एक साथ निशाना साधा।
नागरिकता और एनआरसी के मुद्दे पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि बंगाल में किसी भी हाल में डिटेंशन कैंप नहीं बनने देंगे। इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिये बिना ममता ने उन्हें 'एक आँख में दुर्योधन और दूसरी में दुशासन' की मानसिकता वाला व्यक्ति बताया। इन आंखों से लोगों में डर फैलाया जा रहा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्री के इशारे पर लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं और धार्मिक पहचान के आधार पर विभाजनकारी राजनीति की जा रही है।
चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाते हुए ममता ने कहा कि आयोग भाजपा के निर्देशों पर चल रहा है और ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा का आईटी सेल ही मतदाता सूची तैयार कर रहा है। उन्होंने केंद्र की एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ चेतावनी दी और कहा, 'बिहार नहीं कर पाया, लेकिन बंगाल करेगा, रोककर दिखाएगा।'
हालांकि साथ ही साथ उन्होंने लोगों को सीमावर्ती इलाके में बीएसएफ से दूरी रखकर चलने की नसीहत भी दी। नागरिकता साबित करने की मांग को अपमानजनक बताते हुए ममता ने कहा कि तीन बार केंद्रीय मंत्री, सात बार सांसद और तीन बार मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उनसे नागरिकता का प्रमाण मांगना 'नाक कटवाने से भी बदतर' है।
उन्होंने भाजपा को 'लालची पार्टी' करार देते हुए आरोप लगाया कि वह किसी भी तरह बंगाल पर कब्जा करना चाहती है। साथ ही, लोगों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नागरिकता और दस्तावेजी सहायता के लिए ‘मे आई हेल्प यू’ केंद्र खोलेगी। ममता ने संदेश दिया—बंगाल न डरता है, न झुकता है।