

कोलकाता: भारत-चीन संबंधों में नया मोड़ आया है। पांच वर्षों में पहली बार भारत ने चीनी नागरिकों को पर्यटक वीजा जारी करना फिर से शुरू कर दिया है। कोलकाता स्थित चीनी महावाणिज्य दूत शू वेई के अनुसार, यह पहल भारत-चीन संबंधों में एक नई शुरुआत है। दोनों देशों के नागरिकों के लिए यह अवसर है कि वे एक-दूसरे की संस्कृति, व्यापार, शिक्षा और सामाजिक जीवन को और बेहतर समझें और एक साझा भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं। पर्यटक वीजा को लेकर चीन के महावाणिज्यदूत से सन्मार्ग की विशेष बातचीत के प्रमुख अंश:
हाल ही में भारत सरकार द्वारा चीनी नागरिकों को पर्यटक वीजा देने के निर्णय पर आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
हम इस सकारात्मक कदम की सराहना करते हैं। सीमा पार यात्रा को आसान बनाना दोनों देशों के लिए लाभकारी है। चीन इस दिशा में भारत के साथ निरंतर संवाद और सहयोग बनाए रखेगा ताकि दोनों देशों के नागरिकों के बीच आवागमन को और सहज बनाया जा सके।
पांच वर्षों के अंतराल के बाद यह पहल हुई है। आपके अनुसार, इस अवरोध के कारण दोनों देशों को किन बड़े अवसरों की हानि हुई है?
यह एक अच्छा सवाल है। पिछले पांच वर्षों में भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें स्थगित रहीं, वीजा प्रक्रिया कठिन रही और मीडिया आदान-प्रदान भी बाधित हुआ। यह स्थिति दो पड़ोसी महाशक्तियों के बीच सामान्य नहीं था। इससे आपसी समझ, संवाद और विश्वास में गिरावट आई, जो द्विपक्षीय संबंधों के विकास में बाधा बनी। हालांकि पिछले अक्टूबर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कजान में हुई बैठक के बाद, दोनों देशों के संबंधों को लेकर नई ऊर्जा आई है। यह वर्ष भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ भी है, जिसे हमें गर्व और संकल्प के साथ मनाना चाहिए।
इस निर्णय से आम लोगों के लिए क्या संभावनाएं खुलेंगी?
सीधी उड़ानों की बहाली से आम लोगों के बीच सांस्कृतिक, शैक्षिक और व्यापारिक संवाद को बल मिलेगा। दोनों देशों की सरकारें और प्रमुख एयरलाइंस इस दिशा में सक्रिय हैं और हम आशा करते हैं कि यह जल्द ही फलीभूत होगा।
क्या कोलकाता से बीजिंग या अन्य प्रमुख चीनी शहरों के लिए सीधी उड़ानें फिर शुरू होंगी?
जैसा कि आप जानते हैं कि दो देशों के बीच सीधी उड़ान हमेशा लाभदायक और समय बचाने वाली होती है। इससे पहले कोलकाता और कुनमिंग के बीच एक सीधी उड़ान थी, जिसे बंद कर दिया गया था। इस हालिया घटनाक्रम के बाद हमें उम्मीद है कि कोलकाता से चीन के लिए उड़ान संचालन फिर से शुरू करने के लिए द्विपक्षीय चर्चा होगी और हम इसमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।
क्या चीन जाने वाले भारतीय नागरिकों के लिए वीजा प्रक्रिया और सरल होगी?
बिलकुल। चीन भारत सहित सभी मित्र देशों के लिए वीजा प्रक्रिया को सरल, तेज और प्रभावी बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है। हमारा उद्देश्य है कि भारत-चीन जनता के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध और घनिष्ठ हों। हालिया वर्षों में चीन ने वीजा प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु कई कदम उठाए हैं – जैसे फिंगरप्रिंट छूट, वीजा अपॉइंटमेंट हटाना और फॉर्म को सरल बनाना। इस वर्ष भारत से लगभग 2 लाख वीजा जारी किए गए हैं, जो महामारी से पहले के स्तर के करीब हैं। हम आशा करते हैं कि भारत भी लोगों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए समान पहल करेगा।
इस विकास से कोलकाता और पूर्वी भारत में बसे चीनी समुदाय को क्या लाभ मिलेगा?
निस्संदेह यह उनके लिए भी लाभदायक होगा। कोलकाता में चीनी मूल के लोग सबसे पुराने निवासियों में से एक हैं। उन्होंने सदियों से सांस्कृतिक और सामाजिक-आर्थिक मेलजोल देखा है। यह विकास बंगाल और चीन के लोगों के बीच एकता और अखंडता का एक नया सेतु बनाएगा।
क्या आप मानते हैं कि चीनी पर्यटकों के लिए वीजा सुविधा पुनः शुरू करना द्विपक्षीय संबंधों का निष्कर्ष है?
मैं सहमत हूं। हमने 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर कई आयोजन किए – जैसे टैगोर की चीन यात्रा की शताब्दी पर संगोष्ठी, भारतीय मीडिया प्रतिनिधियों की चीन यात्रा और बौद्धिक तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम। हम शांतिनिकेतन के चीना भवन और डॉ. कोटनिस स्मृति समिति जैसे संस्थानों के साथ भी निरंतर संपर्क में हैं। हम तहे दिल से अपना समर्थन देते हैं। वीजा और उड़ान संबंधी प्रतिबंध हटने से भारत-चीन के लोगों के बीच संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे।