

नई दिल्ली - रोहित शर्मा ने बुधवार को टेस्ट क्रिकेट से तुरंत संन्यास लेने की घोषणा कर दी, जिससे उनके टेस्ट करियर को लेकर चल रही तमाम अटकलें खत्म हो गईं। भारत को जून में इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है, और अब बीसीसीआई को नए टेस्ट कप्तान की तलाश करनी होगी। इससे पहले रोहित ने पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था। 38 वर्षीय रोहित, जिन्हें 'हिटमैन' के नाम से जाना जाता है, फिलहाल वनडे टीम की कप्तानी करते रहेंगे। अपने करियर के दूसरे चरण में रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे भरोसेमंद ओपनर के रूप में जगह बनाई और अब उसी सम्मान के साथ इस प्रारूप से विदाई ली है।
रोहित की घोषणा
रोहित शर्मा ने 67 टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 12 शतकों व 18 अर्धशतकों की मदद से 4301 रन बनाए। उनकी औसत 40.57 की रही। रोहित ने इंस्टा स्टोरी के जरिये संन्यास की घोषणा करते हुए लिखा, 'सभी को नमस्कार। मैं बस साझा करना चाहता हूं कि टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं। सफेद पोशाक में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात रही। सालों से आप सभी के प्यार और समर्थन के लिए शुक्रिया। मैं वनडे प्रारूप में भारत का प्रतिनिधित्व करना जारी रखूंगा।'
रोहित का बेबाक अंदाज
हाल ही में पत्रकार विमल कुमार को दिए गए एक इंटरव्यू में रोहित शर्मा ने अपने क्रिकेट सफर और भारतीय टीम की कप्तानी को लेकर उठे संदेहों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, "हां, मुझे भी ऐसा महसूस हुआ था। अक्सर लोग चाहते हैं कि कोई युवा खिलाड़ी कप्तान बने जो 10-15 साल तक टीम का नेतृत्व कर सके, इसलिए मुझे लगा था कि शायद मुझे यह मौका नहीं मिलेगा। लेकिन मैं हमेशा इसके लिए आभारी रहूंगा कि मुझे कप्तानी करने का अवसर मिला।"
नए कप्तान की तलाश में बीसीसीआई
रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद बीसीसीआई अब नए टेस्ट कप्तान की तलाश में जुट गई है, और इस दौड़ में शुभमन गिल सबसे आगे माने जा रहे हैं। इस बीच, इंटरव्यू के दौरान रोहित ने कहा था, "मुझे भी पता है कि मैं लंबे समय तक यानी 10 साल तक कप्तानी नहीं कर सकता। लेकिन जितना भी समय मुझे मिला है, उसका पूरा इस्तेमाल करना है। हर हाल में अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रदर्शन करना है।"
कारण कब पता चलेगा
रोहित शर्मा के अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की वजह को लेकर फैंस असमंजस में हैं। सोशल मीडिया पर लोग अटकलें लगा रहे हैं कि उन्होंने शायद टीम मैनेजमेंट के दबाव में यह फैसला लिया, क्योंकि हाल की कुछ टेस्ट सीरीज के नतीजों से प्रबंधन संतुष्ट नहीं था। रोहित की कप्तानी में भारत बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) हार गया था और उससे पहले टीम को अपनी ही जमीन पर न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में पहली बार क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा था।