SIR के बिना भी त्रिपुरा में घुसपैठ कर रहने वाले कर रहे पलायन

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक साह ने कहा है कि केंद्र ने घुसपैठ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
SIR के बिना भी त्रिपुरा में घुसपैठ कर रहने वाले कर रहे पलायन
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अगरतलाः त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि तीन तरफ से बांग्लादेश से घिरे इस पूर्वोत्तर राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ के बजाय अब लोगों को देश छोड़कर जाते हुए देखा जा रहा है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 2024 में विभिन्न अभियानों में 57 अवैध रोहिंग्या प्रवासियों, 628 बांग्लादेशी नागरिकों और 280 भारतीयों को पकड़ा।

बीएसएफ सारी कार्रवाई कर रहा

उन्होंने सोमवार रात संवाददाताओं से कहा, ‘‘सीमा पार से कोई घुसपैठ नहीं हो रही है। इसके बजाय, राज्य से अब पलायन हो रहा है... बीएसएफ को ‘बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश’ के साथ परामर्श और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद घुसपैठियों को वापस भेजने के लिए कहा गया है।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र ने घुसपैठ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि राज्य से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करना इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण चुनौतीपूर्ण है।

SIR होगा या नहीं, केंद्र का फैसला

त्रिपुरा 856 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है और तीन तरफ से बांग्लादेश से घिरा हुआ है। कुछ राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के कारण लोगों के पलायन की खबरों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत से लोग जो फर्जी दस्तावेजों के साथ देश में रह रहे थे, अब देश छोड़ रहे हैं।

त्रिपुरा में एसआईआर कब होगा, इस बारे में पूछे जाने पर साहा ने कहा, ‘‘केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध विदेशियों को यहां रहने और चुनाव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर केंद्र सरकार चाहेगी तो हमारे राज्य में एसआईआर कराया जाएगा। अवैध विदेशियों की उपस्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।’’

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