इंग्लैंड के खिलाड़ी पीएसएल छोड़ने पर विचार कर रहे

पाकिस्तान में रहने लायक हालात ना होने के कारण पीएसएल खेल रहे विदेशी खिलाड़ियों को हो रही है परेशानी
इंग्लैंड के खिलाड़ी पीएसएल छोड़ने पर विचार कर रहे
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लंदन : पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में शामिल इंग्लैंड के खिलाड़ी 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान में आतंकवादी ढांचे को खत्म करने के लिए भारत द्वारा किए गए सैन्य हमलों के बाद स्वदेश लौटने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बुधवार की सुबह भारतीय सशस्त्र बलों के हमले के बाद इंग्लैंड के खिलाड़ी पाकिस्तान में रहकर क्रिकेट खेलने के बारे में पशोपेश में हैं। रिपोर्ट में कहा गया, ‘इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड और पेशेवर क्रिकेट संघ ने बुधवार सुबह स्थिति पर चर्चा करने के लिए एक आपात चर्चा की।

इस समय खिलाड़ियों को घर वापस आने की सलाह नहीं दी जा रही है।’ इसमें कहा गया, ‘ज्यादातर खिलाड़ी अभी पाकिस्तान में ही रहने का इरादा रखते हैं, पर स्पोर्ट को पता चला है कि कई खिलाड़ी अपने विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और घर लौट सकते हैं।’ इंग्लैंड के सात खिलाड़ी जेम्स विंस, टॉम करन, सैम बिलिंग्स, क्रिस जॉर्डन, डेविड विली, ल्यूक वुड और टॉम कोहलर कैडमोर इस साल के पीएसएल में खेल रहे हैं जिसका समापन 18 मई को लाहौर में होने वाला है। इंग्लैंड के कोच रवि बोपारा और एलेक्जेंड्रा हार्टले भी पीएसएल के इस चरण में शामिल हैं। वहीं भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने इस बात पर चर्चा करने के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई है कि क्या पीएसएल को रोक दिया जाना चाहिए ?

वहीं इंग्लैंड के दल को डर है कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ेगा लेकिन जैसी स्थिति है, उसे देखते हुए खिलाड़ियों ने इंतजार करने की नीति अपनाई है। अखबार ने कहा कि उसने जिन इंग्लैंड के खिलाड़ियों से बात की है, उनमें से कई सुरक्षा व्यवस्था और सलाह से संतुष्ट हैं और उन्हें टूर्नामेंट छोड़ने की कोई जरूरत नहीं है।’ पर एक अंदरूनी सूत्र के अनुसार, ‘व्हाट्सएप समूह में मिश्रित विचार और भावनाएं दिख रही हैं।’ अखबार ने इंग्लैंड के एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के हवाले से कहा, ‘अभी सब ठीक है, हम सुरक्षित हैं।’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पीएसएल के खिलाड़ियों को आधिकारिक सलाह मिली है कि खेलना जारी रखना सुरक्षित है। ज्यादातर विदेशी खिलाड़ियों के देश में ही रहने की उम्मीद है।’

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