बांग्ला भाषा को अनिवार्य रूप से लागू करने के खिलाफ ज्ञापन सौंपने का सिलसिला जारी

माल बाजार के बाद बनारहाट में छात्रों ने सौंपा ज्ञापन
बांग्ला भाषा को अनिवार्य रूप से लागू करने के खिलाफ ज्ञापन सौंपने का सिलसिला जारी
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सन्मार्ग संवाददाता

नागराकाटा : पश्चिम बंगाल पब्लिक सर्विस कमिशन द्वारा हाल ही में जारी विज्ञापन में हिंदी भाषा को शामिल नहीं किए जाने के मुद्दे पर डुआर्स क्षेत्र के विभिन्न संगठनों, छात्र समूहों और नागरिक समाज ने आयोग के निर्णय में संशोधन की अपील करते हुए ज्ञापन सौंपने का सिलसिला तेज कर दिया है। इसे लेकर सोमवार को मालबाजार में आदिवासी समुदाय के विभिन्न संगठनों ने महकमा शासक को ज्ञापन सौंपकर आयोग से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। वहीं मंगलवार को इसी क्रम में बनारहाट में कार्तिक उरांव कॉलेज के एलमुनी एसोसिएशन ने बानरहाट प्रखंड विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने पब्लिक सर्विस कमिशन के विज्ञापन में हिंदी भाषा को शामिल नहीं किए जाने पर चिंता व्यक्त की और निर्णय में शीघ्र संशोधन करने की अपील की। उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल राज्य के डुआर्स क्षेत्र सहित कई हिस्सों में हिंदी भाषी आबादी व्यापक है और इस तरह के निर्णय से बड़ी संख्या में छात्रों के वंचित होने की संभावना है। ज्ञापन सौंपने के दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष सलमान शेख, सचिव अजीत नाइक, सदस्य अभि गोप, राजू उरांव और क्षेत्र के अन्य युवा उपस्थित थे। कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। इस दौरान स्थानीय शिक्षाविदों का कहना है कि इस तरह के निर्णय से राज्य के बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक चरित्र कमजोर हो सकता है। इसलिए संबंधित आयोग को छात्रों की भावनाओं का सम्मान करते हुए निर्णय में संशोधन करने की आवश्यकता है। डुआर्स क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर अन्य छात्र समूह और संगठन भी इसी तरह के ज्ञापन सौंपने की तैयारी कर रहे हैं। अनुमान है कि यह सिलसिला आने वाले दिनों में और तेज होगा।

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