

गढ़चिरौलीः महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में बुधवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला के समक्ष 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इन नक्सलियों के सिर पर सामूहिक रूप से कुल 82 लाख रुपये का इनाम था।
अधिकारियों के मुताबिक जब नक्सलियों ने डीजीपी के सामने हथियार डाले, तब उनमें से चार 'वर्दी' में थे। पुलिस की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार ने उन पर कुल 82 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
इसमें कहा गया है कि बड़ी संख्या में नक्सली खोखली माओवादी विचारधारा से निराश हो गए हैं, नागरिकों के खिलाफ अंधाधुंध हिंसा से हताश हैं और महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2005 से लागू की गई आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास नीति की ओर आकर्षित हुए हैं।
इस वर्ष 112 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
बयान में कहा गया है कि गढ़चिरौली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संयुक्त प्रयासों के कारण इस वर्ष जिले में 112 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। डीजीपी के सामने बुधवार को आत्मसमर्पण करने वालों में मंडल समिति के सदस्य रमेश लेकामी (57) और भीमा कोवासी (35) के अलावा पार्टी मंच समिति के सदस्य पोरिये गोटा (41), रतन ओयम (32) और कमल वेलाडी (30) शामिल हैं। ये सभी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं।
हथियार डालने वाले अन्य लोगों में क्षेत्र समिति (एरिया कमेटी)के सदस्य पोरिये वेलाडी (36), रामजी पुंगती (35), प्लाटून सदस्य सोनू काटो (19), प्रकाश पुंगती (22), सीता पालो (22) और साईनाथ माडे (23) शामिल हैं।
2022 से अब तक 146 कट्टर नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
विज्ञप्ति में कहा गया है कि यदि माओवादियों का कोई समूह आत्मसमर्पण करता है, तो उनके पुनर्वास के लिए केंद्र और महाराष्ट्र सरकार द्वारा सामूहिक सहायता के रूप में कुल 10 लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा की गई है।
गढ़चिरौली पुलिस द्वारा चलाए गए माओवाद-रोधी अभियानों के तेज होने और सरकार द्वारा माओवादियों को आत्मसमर्पण करने तथा सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करने के कारण वर्ष 2022 से जिले में अब तक 146 कट्टर नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं।