निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को दी बड़ी राहत, SIR का समय एक सप्ताह के लिए बढ़ाया

तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलकर एसआईआर प्रक्रिया के तरीकों पर अपना विरोध दर्ज कराया था।
election commission of india declares second phase of sir
निर्वाचन आयोग ने sir के दूसरे चरण की घोषणा की
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कोलकाताः तृणमूल कांग्रेस समेत दूसरी विपक्षी पार्टियां विशेष सघन पुनरीक्षण यानी एसआईआर की प्रक्रिया को लेकर लगातार विरोध जता रही थीं और आरोप लगा रहा थीं कि काफी कम समय में एसआईआर प्रक्रिया जल्दीबाजी और लापरवाही में की जा रही है। दो दिन पहले ही तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलकर एसआईआर प्रक्रिया के तरीकों पर अपना विरोध दर्ज कराया था। अब इसका फल हुआ कि चुनाव आयोग ने एसआईआर प्रक्रिया को पूरा करने का समय बढ़ा दिया है।

निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे एसआईआर प्रक्रिया की समय सीमा को 7 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। अब यह प्रक्रिया 11 दिसंबर तक चलेगी। चुनाव आयोग ने 11 दिसंबर 2025 तक समय सीमा बढ़ाया है।

पोलिंग स्टेशनों को व्यवस्थित करने पर जोर

चुनाव आयोग ने पोलिंग स्टेशनों को ठीक करने और फिर से व्यवस्थित करने को सुनिश्चित करने को कहा है। चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक कंट्रोल टेबल का अपडेट और ड्राफ्ट रोल तैयार करने की समय सीमा अब 12–15 दिसंबर तक होगी। ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल का पब्लिकेशन 16 दिसंबर को किया जाएगा। दावे और आपत्तियां फाइल करने का समय 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक तय किया गया है।

मतदाताओं को मिलेगा और समय

जैसा कि पता है कि एसआईआर के दूसरे चरण के तहत अंडमान और निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट को सुधारा जा रहा है। चुनाव आयोग के द्वारा दी गई मोहलत के साथ ही मतदाताओं को अपनी डिटेल्स वेरिफाई करने, ऑब्जेक्शन फाइल करने या वोटर लिस्ट में जरूरी सुधार करने के लिए और समय मिल गया है। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया है कि प्रभावित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के निवासियों को भविष्य के चुनावों में वोट देने का मौका गंवाने से बचने के लिए बढ़े हुए शेड्यूल का फायदा उठाना चाहिए।

गौरतलब है कि एसआईआर के कार्य में लगे अब तक 40 बीएलओ और अन्य लोगों की मौत होने का दावा पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने किया। देश के दूसरे हिस्सों में बीएलओ की एसआईआर कार्यों के दौरान मौत होने की खबरें आयी हैं। इससे चुनाव आयोग पर काफी दबाव था।

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