

सन्मार्ग संवाददाता
अलीपुरदुआर : 'या तो न्याय दें या फिर इच्छा मृत्यु'। मंगलवार को इसी तरह अलीपुरदुआर के बेरोजगार शिक्षकों ने अलीपुरदुआर कोर्ट पोस्ट ऑफिस के माध्यम से राष्ट्रपति से गुहार लगाई है। मालूम हो कि राज्य उच्च न्यायालय ने एसएससी में भ्रष्टाचार के आरोप में करीब 26 हजार शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों की नौकरी रद्द कर दी है। तब से नौकरी गंवाने वाले योग्य शिक्षक अपना खोया सम्मान और नौकरी वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लंबे समय से आंदोलन और गुहार लगाने के बावजूद उन्हें कोई लाभ नहीं मिला है। ऐसे आरोप लगाने के बाद बेरोजगार शिक्षकों ने आखिरकार देश के राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की अपील की है। मंगलवार को पत्र के माध्यम से अलीपुरदुआर के बेरोजगार शिक्षकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से स्पष्ट अपील की है कि या तो उनकी खोई हुई नौकरी वापस करें या उनकी इच्छा मृत्यु याचिका स्वीकार करें। बेरोजगार शिक्षकों ने मंगलवार को अलीपुरदुआर कोर्ट पोस्ट ऑफिस के माध्यम से राष्ट्रपति को पत्र भेजा। वहीं इस विषय पर पोस्ट ऑफिस में राष्ट्रपति को पत्र भेजने पहुंचे योग्य शिक्षकों में से मौमिता पाल ने कहा कि सभी को पता है कि 2016 पैनल में नियुक्त 26 हजार शिक्षकों की नौकरी रद्द कर दी गई थी। उनमें से लगभग 19 हजार शिक्षकों की नौकरी चली गयी है। एक योग्य उम्मीदवार के तौर पर हम विभिन्न तरह से प्रयास करें कि हमें हमारी नौकरी वापस मिले। आज हमारा कार्यक्रम राष्ट्रपति को पत्र भेजने का था और उसी के मुताबिक हम सभी योग्य उम्मीदवार विभिन्न पोस्ट ऑफिस में जाकर राष्ट्रपति को पत्र भेज रहे हैं और आवेदन कर रहे हैं कि या तो हमें न्याय दिया जाए या फिर हमें सपरिवार इच्छामृत्यु का निर्देश दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह हमारा जीना मुश्किल हो गया है, मान सम्मान को नष्ट करने के साथ-साथ हमारे पेट पर जिस तरह से लात मारी गयी है। ऐसे में हमारा जीवन नहीं चल पा रहा है।