सन्मार्ग संवाददाता
नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), देहरादून ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी से जुड़े एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहम कार्रवाई करते हुए 24 दिसंबर 2025 को माननीय विशेष न्यायालय (पीएमएलए), देहरादून के समक्ष तीसरी अभियोजन शिकायत (प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट) दाखिल की है। यह शिकायत अमरप्रीत कौर चावला, पत्नी बनमीत सिंह, के खिलाफ दायर की गई है, जो एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी संगठन की सदस्य बताई गई हैं।
जांच के दौरान ईडी ने पाया कि अमरप्रीत कौर के नाम पर कई अचल संपत्तियाँ खरीदी गई थीं, जिनमें सीधे तौर पर अपराध से अर्जित आय (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम – POC) का उपयोग किया गया। इन निष्कर्षों के आधार पर ईडी ने 18 जुलाई 2024 को धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत कुल 9.68 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क करने का आदेश भी जारी किया था।
ईडी ने यह जांच अमेरिकी अधिकारियों के अनुरोध पर शुरू की थी, जिसमें PMLA की धारा 2(ra) के तहत सीमा पार प्रभाव वाले अपराध का प्रावधान लागू किया गया। इस मामले में अनुसूचित अपराध एनडीपीएस अधिनियम से संबंधित हैं। जांच में सामने आया कि बनमीत सिंह और परविंदर सिंह नामक दो भाई अपने सहयोगियों के साथ मिलकर “सिंह ड्रग ट्रैफिकिंग ऑर्गनाइजेशन (Singh DTO)” नाम से एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी गिरोह चला रहे थे।
यह संगठन डार्क वेब पर वेंडर मार्केटिंग साइट्स, क्लियर वेब पर मुफ्त विज्ञापनों और ड्रग वितरण नेटवर्क के जरिए अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों में मादक पदार्थों की बिक्री करता था। तस्करी से प्राप्त धन को क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन के माध्यम से लॉन्ड्रिंग किया जाता था। दोनों भाई डार्क वेब प्लेटफॉर्म्स जैसे सिल्क रोड-1, अल्फा बे और हंसा पर “लिस्टन” नाम के उपनाम से सक्रिय थे।
अब तक की कार्रवाई में ईडी ने लगभग 268.22 बिटकॉइन जब्त किए हैं, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 130 करोड़ रुपये है। ईडी पहले ही दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर चुकी है, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
इससे पहले ईडी ने 24 जून 2024 और 26 जुलाई 2024 को मुख्य आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायतें दायर की थीं, जिन पर अदालत ने संज्ञान भी ले लिया था। 22 मार्च 2025 को अदालत ने बनमीत सिंह के खिलाफ आरोप भी तय कर दिए थे। यह मामला अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी और डिजिटल मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।